मुंगेली। छत्तीसगढ़ में ओडिशा से गांजा तस्करी कर प्रदेश के जिलों में खपाए जाने का मामला थम नहीं रहा है। ताजा मामला मुंगेली का है जहां उत्तरप्रदेश ये आए कुछ लोग फल व्यवसाय की आड़ में गांजे की तस्करी में लिप्त हैं।जानकारी के अनुसार इन तस्करों ने ओडिशा, बिहार तक अपना जाल बनाकर रखा है। इसी की आड़ में छत्तीसगढ़ के भिलाई, बेमेतरा, नवागढ़ अपना नेटवर्क बनाकर फलों के केरेट में गांजा छुपाकर सप्लाई की जा रही है। बताया जा रहा है कि गांजा तस्करी मुंगेली के नेहरू चौक के पास से संचालित किया जाता है।
• सुनियोजित तरीके से दिया जाता है गांजा तस्करी का अंजाम
जानकारी के अनुसार गांजा तस्करी को बड़े की सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया जा रहा है। पहले यूपी आए कुछ लोग पहुंचते हैं फिर लोगों की बीच घुलमिल कर अपना अवैध धंधा शुरु कर देते हैं। शहर के नेहरू चौक में कुछ बाहरी लोगों की गतिविधियां संदिग्ध तौर पर दर्ज हुई है।
• ऐसे तैयार करते हैं नेटवर्क
बताया जाता है कि गांजा तस्करी में लगे ये लोग पुलिस की नजर से बचनेे धीरे.धीरे अपना नेटवर्क तैयार करते हैं। पहले पहल कुछ की संख्या में आपपास के इलाके की रैकी करने के बाद वो अपने नेटवर्क के बाकी लोगों को भी बुला लेते हैं। फिर सड़क किनारे खोमचे या फल ठेला लगाकर गांजा तस्करी का खेल शुरु होता है। शहर के नेहरु चौक खुले आम गांजा बेचने वालों को देखा जा सकता है। बस स्टैंड के पास होने से नेहरु चौक में हमेशा भीड़भाड़ रहती है। इसी का फायदा उठा कर गांजा की तस्करी की जा रही है।
• बाहर से आए लोगों के किराए पर मकान दुकान देने का ये है नियम
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक़ उत्तर प्रदेश से आए कुछ लोग कुछ साल पहले मूँगेली नेहरू चौंक के रेहड़ी लगाकर कारोबार कर रहे हैं। हैरानी की बात पुलिस के पास मुसाफिरी रजिस्टर और बाहर से आए लोगों के किराए पर मकान दुकान देने की सूचना नहीं है। जबकि बाहर से आए लोगों को दुकान या मकान किराए पर देने से पहले पुलिस का इसकी सूचना दिया जाना चाहिए। इसी का फायदा उठा कर ये तस्कर शहर में आसानी से अपना ठिकाना बना लेते हैं।
• गांव गांव कुछ राशन दुकानों से है लिंक
बताया जा रहा है ये गांजा तस्कर गिरोह मुंगेली आकर अपना नेटवर्क गाँव.गाँव तक राशन दुकानों के संचालक से बनाकर गाँजे की सप्लाई करने लगा हुआ है। इस पूरे अवैध कारोबार में कुछ खाद्य विभाग के राशन घोटाले में लिप्त लोगों की भी भूमिका भी संदिग्ध नज़र आ रही है। सरकार के खाद्य पदार्थ की सप्लाई के आड़ में गाँजे की तस्करी में कोई कार्यवाही नहीं होने के आड़ में गांव गांव गांजे की खेप पहुँचाई जा रही है।
• फल कारोबारी या गांजा तस्कर को है कुछ लोगों का सरंक्षण
जानकारी के अनुसार करीब पाँच सालों से चल रहे फल व्यवसाय की आड़ में गाँजे की तस्करी को बढ़ावा देने अथवा अपने सरंक्षण में गाँजे की सप्लाई करने कुछ नेहरू चौंक के आसपास सफ़ेदपोश लोगों की भूमिका भी नज़र आ रही है।इसके बावजूद पूरे गाँजे के अवैध करोड़ों के कारोबार में पुलिस मुक़दर्शक ही बनी हुई है। नेहरू चौंक में उत्तरप्रदेश के इन लोगों पर हिरासत में लेकर पूरे गाँजे की तस्करी का बड़ा खुलासा और बड़ी कार्यवाही के लिए आमजनमानस लंबे समय से शिकायत भी कर रहा है मगर मोटी रक़म मिलने के एवज़ में सभी ज़िम्मेदार लोगों की मिलीभगत से गाँजे का काला कारोबार शहर में फल फूल रहा है।