तहसीलदारों के स्थानांतरण में शासन के आदेश को किया दरकिनार, कनिष्ठ संघ पुनः हड़ताल के मूड में…

नये आदेश से SLR और ASLR द्वारा तहसीलदार की शक्ति के दुरुपयोग होने की जताई जा रही आशंका

बिलासपुर। तहसीलदारों के स्थानांतरण में भू-अधीक्षकों की पदस्थापना से एक बार फिर ज़िला प्रशासन बिलासपुर ने तहसीलदारों के समझौते से स्थगित किए आंदोलन को हवा देने का काम किया गया है।हाल ही में हुए तसीलदारों के स्थानांतरण में भू अधीक्षकों एवं सहायक भू अधीक्षकों को तहसीलदार बना दो जगह भेजा गया है जिससे तहसीलदारों की मुख्य माँग एवं शासन के आदेश को भी किनारे रख स्थानांतरण आदेश जारी किया गया।तहसीलदारों की मांग पर संज्ञान लेते हुए राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से सचिव द्वारा सभी कलेक्टरों को तहसीलदार , नायब तहसीलदारों को सुरक्षा उपलब्ध कराने सहित उनके मूल कार्य के विरुद्ध भू-अभिलेख शाखा में संलग्नीकरण नही किये जाने तथा अधीक्षक , सहायक अधिक्षकों को तहसीलदार , नायब तहसीलदार का कार्य नही दिए जाने के निर्देश जारी किया गया था

मालूम ही कि कुछ दिनों पूर्व तहसीदारों के हड़ताल के स्थगन के लिए राजस्व मंत्री से हुई चर्चा,आश्वासन में मुख्य माँग तहसीलदार शक्ति का उपयोग केवल तहसीलदारों के अधीन रहने के लिए सहायक भू अधीक्षक एवं भू अधीक्षकों के तहसीलदार पद में स्थानांतरण ना करने सहमति बनी जिसके बाद हड़ताल समाप्त कर प्रदेश भर के तहसीलदार काम पर लौटे इसके अलावा शासन ने भी पूर्व में एक आदेश जारी किया है जिसमें समस्त कलक्टरों को सहायक भू अधीक्षक एवं भू अधीक्षकों के तहसीलदार पद पर पोस्टिंग नहीं करने आदेश जारी किया गया उसके बावजूद तहसीलदारों के हुए स्थानांतरण से संघ पुनः हड़ताल के जाने की चर्चा हो रही है।
यह भी बता दें पूरे प्रदेश में बिलासपुर ज़िले का राजस्व विभाग बड़े बड़े कारनामों के लिए चर्चा में रहा है बावजूद स्थानीय राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली मनमानीपूर्ण ही देखने को मिल रही है।

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