नई दिल्ली। पाकिस्तान में पिछले दो वर्षों में एक दर्जन से अधिक आतंकवादी मारे गए हैं. ये सभी आतंकवादी भारत की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल थे, और सभी रहस्यमय तरीके से मारे गए हैं. इसके बावजूद कार्रवाई करना तो दूर न तो पाकिस्तान सरकार कुछ कह पा रही है, और न ही पाकिस्तान मीडिया कुछ लिख पा रहा है. पाकिस्तान में आतंकवादियों को अज्ञात हमालवरों के द्वारा निशाने पर लिए जाने का सिलसिला 2021 में शुरू हुआ था. सबसे पहले लाहौर में लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और 2008 के मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की हत्या के असफल प्रयास हुआ, इसके बाद हत्याओं का सिलसिला शुरू हो गया. मारे गए आतंकवादी कमांडर लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हिजबुल मुजाहिदीन (एचयूएम), अलगाववादी खालिस्तान आंदोलन और जैश-ए-मुहम्मद (जेईएम) से जुड़े थे. नवंबर महीने की ही बात करें तो अब तक लश्कर और जेईएम के तीन टॉप आतंकवादियों को मार गिराया गया है. उनमें मौलाना मसूद अजहर का करीबी सहयोगी और लश्कर का मुख्य आतंकी भी शामिल है.पाकिस्तानी खुफिया सूत्रों के अनुसार, भारत ने पिछले कुछ वर्षों में इस्लामाबाद के साथ कई आतंकवादियों के नाम और ठिकाने साझा किए हैं. इनमें से कई लोगों को अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी है. इन आतंकवादियों की हत्या को स्वीकार करने में इस्लामाबाद की अनिच्छा के बीच वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) का दबाव शामिल हो सकता है. मारे गए किसी भी आतंकवादी की पहचान पाकिस्तान की सरकार या मीडिया द्वारा आतंकवादी के रूप में नहीं की गई है. जैश-ए-मोहम्मद नेता और मौलाना मसूद अजहर के करीबी सहयोगी मौलाना रहीम उल्लाह तारिक की 13 नवंबर को कराची में अज्ञात लोगों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस घटना को एक स्थानीय मौलवी की हत्या के रूप में बताया गया है.पूर्व लश्कर आतंकवादी अकरम खान उर्फ अकरम गाजी की 9 नवंबर को खैबर पख्तूनख्वा के बाजौर आदिवासी जिले में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पाकिस्तानी मीडिया ने उसे मुअज़्ज़िन करार दिया. इसका मतलब होता है कि दैनिक नमाज के लिए आह्वान करना.5 नवंबर को ख्वाजा शाहिद का कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया. बाद में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास सिर कलम कर दिया गया. सूत्रों के अनुसार, शाहिद लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रमुख आतंकी था. सुंजुवान में भारतीय सेना शिविर पर 2018 के आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड में से एक था.