गरियाबंद/ ऊपर दिख रहा वीडियो छत्तीसगढ़ में गरियाबंद जिले के कोसमी गांव का है। विधवा रूप में दिख रही महिलाएं गांव के पुजारी परिवार की बहुएं हैं। इन महिलाओं को सुहागन की तरह दिखने की मनाही है। सुहागन बहुएं कांसे की और विधावाएं चांदी की क्रैक चूड़ी पहनती हैं। परिवार इसकी वजह देवी का अभिशाप मानता है, जिसे सात पीढ़ियों से निभा रहे हैं।
पुजारी परिवार की 7वीं पीढ़ी की बहू कमली बाई बताती हैं, ‘जब 37 साल पहले शादी होकर ससुराल आई तो अनजाने में माथे पर सिंदूर और टीका लगा लिया। तब सिर में बहुत दर्द हुआ। गांव से बाहर मायके जाकर रंगीन कपड़े पहनने की कोशिश की तो कमर दर्द और अन्य शारीरिक कष्ट होने लगे।‘
परिवार के पढ़े-लिखे सदस्य और नई पीढ़ी इस प्रथा को बदलना चाहती हैं, लेकिन आस्था आड़े आ जाता है। इसे इन्होंने अंध-विश्वास नहीं बल्कि पूर्वजों से मिले आशीर्वाद मानकर अब आत्मसात कर लिया है। शादी के मंडप से बिना सिंगार के शुरू होकर सफेद लिबास पुजारी परिवार के बहुओं के अंतिम सांस निकलने तक बना रहता है।