◆ विधायक धर्मजीत के राजनैतिक गुरु रहे स्व. विद्याचरण शुक्ला जैसी ही स्थिति व तीसरी बार पार्टी बदल भाजपा में शामिल होने के बाद राजनैतिक भविष्य पर खतरा मंडराने की दिख रही सम्भावना।
◆ भाजपा पदाधिकारी व साहू समाज के नेता रहे नदारद
बिलासपुर/मुंगेली। लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह अब बीजेपी के हो गए है, छत्तीसगढ़ स्थित बीजेपी हेडक्वार्टर रायपुर में पार्टी के राज्य प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष व वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल तो हो गए मगर एक दिन बाद जब विधायक धर्मजीत अपने कर्मक्षेत्र लोरमी विधानसभा के दो गांव खुड़िया व अखरार उसके बाद लोरमी के रेस्ट हाउस पहुंचे तो वहां भाजपा के 3 नेताओ व कुछ विधायक समर्थक ही मौजूद रहे बचत पुराने धर्मजीत प्रेमियों व भाजपा के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं व साहू समाज ने दूरी बनाए रखी जिसकी जगह जगह जमकर चर्चा हो रही है। इससे पहले धर्मजीत के भाजपा जाने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस के व अन्य कुछ और नेता हैं जो आने वाले समय में पार्टी में शामिल होंगे मगर कहीं ऐसा कोई सुगबुगाहट नही दिखा । कुल मिलाकर विधायक धर्मजीत सिंह के भाजपा प्रवेश के बाद जो भाजपा को चार-पांच विधानसभा में लाभ मिलने की उम्मीद जताई जा रही थीं वैसा अब कही नही दिख रहा है बल्कि परंपरागत भाजपाइयों ने भी विधायक धर्मजीत के भाजपा जॉइन करने के बाद पहुंचने पर उनसे दूरी बनाए रखे।
लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह भारतीय जनता पार्टी में गिलहरी के रूप में काम करने की बात कर रहे हैं। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में चर्चा चल रही थी कि धर्मजीत सिंह के भाजपा प्रवेश के बाद पहली बार लोरमी पहुंचने पर धर्मजीत का ‘जोशीला’ स्वागत होगा मगर वैसा नहीं हुआ जैसा उन्हें होना चाहिए था।
आपको बता दें कि स्वाभाविक रूप से, जब राज्य का कोई बड़ा नेता पार्टी बदलता है और बीजेपी में शामिल होता है, तो पार्टी द्वारा बड़ी योजनाएं बनाई जाती हैं, पार्टी नेताओं द्वारा बड़े बयान दिए जाते हैं, लेकिन धर्मजीत के बीजेपी में शामिल होने से पहले और पहले किसी भी बड़े बीजेपी नेता ने कोई बयान नहीं दिया।
चर्चा यह भी हो रही है कि इक्के दुक्के भाजपा के पुराने चेहरे जो भाजपा में रहकर भी विधायक धर्मजीत सिंह के लिए ही काम करते रहने के नाम से बदनाम रहे हैं वो बस ही साथ दिख रहे जबकि उनके चहेते नगर पंचायत अध्यक्ष अंकिता रवि शुक्ला रायपुर से लोरमी आगमन तक नदारद रही। ऐसे में उनके जोगी कांग्रेस मे रहने वाले कई समर्थक जल्दी कांग्रेस का दामन थामते की संभावना दिख रही है।
आपको यह भी बता दें कि विधायक धर्मजीत सिंह के भाजपा प्रवेश करने के कयास तो लगभग साल भर से लग रहे थे इस बीच छत्तीसगढ़ राज्य में ही प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी,गृहमंत्री अमित शाह, सहित भाजपा के बहुत से बड़े नेताओं के आगमन पर स्वयं धर्मजीत सिंह कार्यक्रम में रहे मगर उनके समक्ष भाजपा प्रवेश नही हुआ। हाल में गृहमंत्री अमित शाह या फिर पीएम की मौजूदगी में धर्मजीत सिंह के पार्टी में शामिल होने की बात चल रही थी लेकिन उनकी पार्टी में एंट्री के वक्त प्रदेश प्रभारी, अध्यक्ष, पूर्व सीएम ही मौजूद रहे। तथ्य यह है कि प्रदेश कार्यालय में पूरे कार्यक्रम के आयोजन से पहले धर्मजीत सिंह जब कार्यालय पहुंचे तो उन्हें कुछ समय एक कक्ष में बैठकर प्रदेश प्रभारी व अन्य बड़े नेताओं का इंतजार भी करना पड़ा। उसके बाद जब प्रभारी पहुंचे तब धर्मजीत के गले में बीजेपी का भगवा गमछा डाला। मंच पर प्रवेश की मात्र रस्म अदायगी हुई, सभी ने सोचा था कि धर्मजीत सिंह के स्वागत के लिए दो शब्द कहे जाएंगे लेकिन कुछ नहीं हुआ।
अब हैरानी की बात ये है कि विधायक धर्मजीत सिंह के भाजपा में प्रवेश के मुद्दे पर लोरमी क्षेत्र में ही भाजपा का हर वरिष्ठ नेता खामोश है। धर्मजीत सिंह के पार्टी में आने से भारतीय जनता पार्टी के कई नेता नाखुश हैं लेकिन पार्टी के फैसले के आगे सब चुप हैं। इतना ही नहीं मीडिया पर काफी एक्टिव रहने वाले नेता भी स्वयं धर्मजीत सिंह बोलने से कतरा रहे हैं।
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के पास लोरमी व तखतपुर या फिर अन्य आसपास के सामान्य विधानसभा क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय व जनाधार वाले नेता विधानसभा चुनाव में अपनी अपनी दावेदारी में लगे हुए है जिनके जनाधार को झुठलाया जाना भी संभव नहीं है। मगर विधायक धर्मजीत सिंह के भाजपा प्रवेश के बाद चार पांच विधानसभा उनके बनिस्बत लाभ मिलने की उम्मीदों लगाई जा रही थी अभी कुछ घंटों में ही उन उम्मीदों पर पानी फिरता दिखने लगा है संभव है कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं में भी नाराजगी होगी।