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भाड़े के पदासीन हुए नेताओं की नमकहरामी व जिला प्रशासन की उदासीनता से आदर्श कृषि उपज मंडी मुंगेली में शहीद सैनिक का हो रहा अपमान

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कलेक्टर स्वतः संज्ञान में लेकर मंडी प्रबंधन के खिलाफ कराए एफआईआर

हिटलर की तरह मंडी का किया जा रहा संचालन

जनता में आक्रोश,होगा बड़ा आंदोलन व घेराव

मुंगेली। छत्तीसगढ़ के वीर सपूत धनंजय सिंह राजपूत भारत मां की रक्षा करते हुए कारगिल में शहीद हो गए थे। मुंगेली जिले में उनके गृहग्राम पंडरभट्‌ठा में उनका स्मारक भी तैयार किया गया हैं। शहीदों की सूची में मुंगेली के पंडरभठ्‌ठा के वीर शहीद धनंजय सिंह राजपूत का नाम बड़े सम्मान और गर्व से लिया जाता है। समय समय पर अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और नेताओं द्वारा उनके शहादत दिवस पर पण्डरभट्टा में स्थापित वीर शहीद धनंजय सिंह राजपूत की प्रतिमा के समक्ष पुष्प चक्र, पुष्पमाला अर्पित कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि भी दिया जाता हैं।
वीर शहीद धनंजय सिंह राजपूत के नाम का उल्लेख कई सरकारी और गैरसरकारी संस्थानों में भी देखा गया हैं। मुंगेली के हृदयस्थल में सबसे बड़े स्कूल बीआर साव स्कूल का ग्राउंड भी वीर शहीद धनंजय सिंह राजपूत के नाम से किया गया हैं।

बता दें भाजपा शासनकाल में कृषि उपज मंडी मुंगेली प्रबंधन समिति द्वारा मंडी के मुख्य द्वार का नामकरण भी वीर शहीद धनंजय द्वार किया गया था, मंडी से जुड़े लोगों की माने तो मंडी द्वार का नामकरण वीर शहीद धनंजय सिंह द्वार के नाम से किये जाने का प्रस्ताव भी हुआ था,जिसमें मुख्य द्वार का नामकरण शहीद धनंजय सिंह के नाम से किये जाने का उल्लेख हैं, क्योंकि मंडी प्रबंधन भुपेश सरकार के सामने किसी भी तरह से अपनी किरकिरी नहीं करायेगी।

मुंगेलीवासियों ने कहा कि कृषि उपज मंडी द्वारा अगर पहले से मुख्य द्वार पर वीर शहीद धनंजय सिंह द्वार लिखा गया था तो शहीद का नाम क्यों हटाया गया, भले ही मुख्य द्वार का नामकरण शहीद धनंजय सिंह द्वार के नाम से करने मंडी में प्रस्ताव हो या न हो। मंडी के मुख्य द्वार के 2 पुराने गेट में वीर शहीद धनंजय सिंह द्वार का नाम स्पष्ट दिख रहा हैं परंतु हाल ही में कुछ दिनों पहले लाईटिंग के साथ जो मुख्य द्वार में बेनर लगाया गया हैं उसमें शहीद धनंजय सिंह का नाम गायब हैं, वीर शहीद के इस तरह से अपमान होने पर मुंगेलीवासियों में काफी आक्रोश हैं, लोगों ने कहा कि जब शहीद के नाम का ही सम्मान नहीं किया जाता तो कई कार्यक्रमों में शहीद के स्मारक या छायाचित्र में माल्यार्पण, पुष्पचक्र अर्पित कर तथा उनके परिजनों को सम्मान देने का ढोंग क्यों किया जाता हैं ? कृषि उपज मंडी मुंगेली द्वारा शहीद के नाम को मिटाकर जिस तरह अपमान किया गया हैं इससे हर को आक्रोशित हैं, सवाल यह उठता हैं कि मंडी समिति व उसके अधिकारियों को शहीद शब्द से इतना परहेज क्यों हैं ?
पिछले वर्ष 2022 में जिले के कलेक्टर राहुल देव और पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह शहीद धनंजय सिंह राजपूत के शहादत दिवस के अवसर पर जिले के विकासखंड मुंगेली के ग्राम पण्डरभट्टा में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए थे, इस दौरान कलेक्टर देव और एसपी चन्द्रमोहन सिंह ने वहां स्थापित वीर शहीद धनंजय सिंह राजपूत की प्रतिमा के समक्ष पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि भी दी थी। साथ ही कलेक्टर ने ग्राम पण्डरभट्टा में वीर शहीद के परिजन का सम्मान करते हुए कलेक्टर ने कहा था कि वीर शहीद धनंजय सिंह के द्वारा राष्ट्र की सुरक्षा के लिए दिए गए बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता, उन्होंने कहा कि सैनिकों के कारण तिरंगा शान से लहरा रहा हैं, सेना के साहस और वीरता से हमें देश प्रेम की सीख मिलती है, उन्होनें कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को सैनिकों का सहयोग एवं सम्मान करना चाहिए, इस अवसर पर उन्होंने सैनिकों को हर संभव सहायता का आश्वासन भी दिया था। मुंगेली वासियों को कलेक्टर राहुल देव से उम्मीद हैं कि वे मुंगेली कृषि उपज मंडी में मंडी द्वार को लेकर जो शहीद का अपमान हुआ है उस पर संज्ञान लेकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करें।

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