मुंगेली। जिले के लोरमी के प्रीतेश राजपूत ने यूपीएससी ने 2020 रैंक पाया है। वे एक मैकेनिक के बेटे हैं। बिना कोचिंग उन्होंने सिलेक्शन पाया है।
लोक सेवा आयोग ने सिविल सर्विसेज परीक्षा की नतीजे जारी कर दिए। अब तक सामने आए नतीजे में छत्तीसगढ़ से चार अभ्यर्थियों ने अपना स्थान बनाया है। प्रीतेश सिंह राजपूत ने भी 697 रैंक लाकर यूपीएससी में अपना स्थान बनाया है। बिना कोचिंग सिर्फ ऑनलाइन गाइडेंस के आधार पर एक मैकेनिक के बेटे की यह बड़ी सफलता है ।
मुंगेली जिले के लोरमी गांव के मंझगांव निवासी प्रीतेश सिंह राजपूत के पिता मैकेनिक का काम करते हैं उनकी तीन संताने हैं। प्रीतेश अपने माता-पिता की छोटी संतान है। उनसे बड़ी एक बहन व एक भाई है । दीदी की शादी हो गई है वही भाई ग्रामीण किसी विस्तार अधिकारी के पद पर है। प्रीतेश ने पांचवीं तक की शिक्षा अपने गांव के शासकीय स्कूल से की। फिर पड़ोसी गांव झापल के प्राइवेट महाराणा प्रताप स्कूल से छठवीं से 12वीं तक की पढ़ाई की। दसवीं में उनका 84% वही 12वीं में 82% था। 12वीं उन्होंने गणित विषय के साथ उत्तीर्ण की।
12वीं के बाद रायपुर के इंदिरा गांधी एग्रीकल्चर कॉलेज से कृषि में बीटेक इंजीनियरिंग 2018 में पास किया। बीटेक में कुल एग्रीगेट 68% प्रीतेश के आए। रितेश ने व्यापम की लैब अटेंडेंट और कृषि शिक्षक की परीक्षा में भी चयन हुआ। प्रीतेश ने सीजीपीएससी के लिए बिलासपुर के एक निजी कोचिंग संस्थान से कोचिंग भी ली।
2019 को पीएससी के अपने प्रथम प्रयास में प्रीतेश का जिला खाद्य अधिकारी पद के लिए चयन हुआ। जबकि 2020 पीएससी से प्रीतेश का डिप्टी कलेक्टर पद के लिए चयन हो गया। प्रीतेश वर्तमान में मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले में डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदस्थ हैं।
चयनित प्रीतेश ने चर्चा में बताया कि उन्होंने यूपीएससी के लिए कोई कोचिंग नहीं की थी हालांकि पीएससी के लिए उन्होंने कोचिंग ली थी। ऑनलाइन विकास दिव्यकीर्ति सर के कोचिंग के वीडियो देख देख कर उन्होंने यूपीएससी के लिए गाइडेंस ली है। प्रीतेश अपने वर्तमान रैंक से संतुष्ट नहीं है। वे आईएएस बनने तक तैयारियों में जुटे रहेंगे। और इसके लिए वे प्रयासरत है ।