अमृत टाइम्स
बिलासपुर- मोगरा में नई कलियां एक पखवाड़े बाद ही आएंगी। गेंदा के फूल भी इतना ही समय लेंगे। गुलाब खिलेंगे तो जरूर, लेकिन पुष्पन, पूर्ण आकार नहीं ले पाएगा।
बेमौसम बारिश से फूलों की तैयार फसल को भी नुकसान पहुंचने की खबर है। उत्पादक क्षेत्रों ने फूल बाजार को सचेत करते हुए कहा है कि सीमित आपूर्ति और उपलब्धता को देखते हुए आर्डर लिया जाना सही होगा। फूल बाजार के लिए पहला साल है, जब सीजन में मांग और आपूर्ति में एक साथ ब्रेक लगा है।
● इसलिए 15 दिन बाद
मोगरा। ग्रीष्म ऋतु का प्रमुख पुष्प। मानक तापमान और आद्रता पर यह फूल पूर्ण आकार लेता है लेकिन असमय बारिश से इसे जरूरी तापमान नहीं मिल रहा है। तेज हवा और बारिश की बूंदों ने कलियों को धराशाई कर दिया। अब नई कलियां लगने में पखवाड़े भर का समय लगेगा। गेंदा भी ऐसी ही प्रतिकूल स्थिति के घेरे में आ चुका है। याने भरपूर मांग की आपूर्ति 15 दिन बाद ही संभव होगी।
● अधूरा पुष्पन
पूरे साल मांग में रहता है गुलाब। इस पर भी बेमौसम बारिश कहर बनकर टूटी है। संभलने की कोशिश में लगे गुलाब में कलियां तो लगेंगी लेकिन पुष्पन, अपना पूर्ण आकार नहीं ले पाएगा। इसके साथ फूलों में पत्तियां कम आने का अंदेशा बना रहेगा। फूलों की खेती करने वाले किसान अब फूलों के लिए 15 से 20 दिन का इंतजार करने को विवश हैं।
● नई फसल पर ब्रेक
दुर्ग, बिलासपुर, जशपुर, और रायपुर जिले को फूलों की व्यावसायिक खेती करने के लिए जाना जाता है। खासकर गेंदा के लिए दुर्ग और मोगरा के लिए बिलासपुर जिले की अलग ही पहचान है। शेष फूलों की आपूर्ति महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल से होती है। यह सभी बेमौसम बारिश के साए में आ चुके हैं। किसानों ने बाजार को सूचित कर दिया है कि नई फसल के लिए 15 दिन इंतजार करना होगा। लिहाजा उपलब्धता के आधार पर संतुलन बनाकर चलें।