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कमजोर पड़ा अब मॉनसून, बारिश को तरस जाएंगे ये राज्य; IMD ने बढ़ा दी चिंता

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नई दिल्ली… महानिदेशक एम मोहापात्रा का कहना है, ‘मॉनसून अब कमजोर चरण में आ चुका है। हमने पूरे जुलाई में मॉनसून का सक्रिय चरण देखा।’ उन्होंने बताया कि अब एक्टिव फेज के बाद वीक फेज की उम्मीद है।

जुलाई में भारत के अधिकांश राज्यों में रंग दिखा चुका मॉनसून अब कुछ शांत होने जा रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी IMD ने ऐसे संकेत दिए है। रविवार को विभाग ने जानकारी दी है कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून कमजोर चरण में जा चुका है। ऐसे में मध्य और प्रायद्वीपीय भारत में बारिश की गतिविधि कम होने के आसार हैं। हालांकि, आने वाले 4-5 दिनों में उत्तराखंड, उत्तरी उत्तर प्रदेश, बिहार, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और पूर्वोत्तर में भारी बारिश होने की संभावनाएं हैं।

कमजोर होगा मॉनसून
मौसम विभाग के महानिदेशक एम मोहापात्रा का कहना है, ‘मॉनसून अब कमजोर चरण में आ चुका है। हमने पूरे जुलाई में मॉनसून का सक्रिय चरण देखा।’ उन्होंने बताया कि अब एक्टिव फेज के बाद वीक फेज की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘अगले कम से कम एक सप्ताह के लिए प्रायद्वीपीय और मध्य भारत में कम बारिश होगी। हिमालय की तलहटी और पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश होगी। हम बारिश की कमी का सामना कर रहे बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों जैसे राज्यों में बारिश की उम्मीद कर रहे हैं।’

4-5 दिनों तक यहां दिखेगा असर
मौसम विभाग का कहना है कि अगले 4-5 दिनों तक मध्य और प्रायद्वीपीय भारत में बारिश में कमी दर्ज की जा सकती है। मौसम के जानकार और पूर्व सचिव एम राजीवन ने ट्वीट किया, ‘मॉनसून ब्रेक का दौर अब शुरू हुआ है, जो 2 हफ्तों तक जा सकता है। उत्तर भारत में अति भारी बारिश होगी और पूरे देश में मौसम शुष्क रहेगा। एक्टिव फेज के बाद अब ब्रेक फेज आ गया है।’

उन्होंने कहा कि मॉनसून की कमजोर स्थिति कम से कम 20 अगस्त तक बनी रहेगी। उन्होंने इसे अल नीनो का असर बताया है। राजीवन ने कहा, ‘मॉनसून के कमजोर चरण के दौरान मॉनसून ट्रफ हिमालय के करीब चला जाता है और उसकी तलहटी में ही रहता है। असम में बाढ़ की आशंका है, क्योंकि नेपाल में भारी बारिश हो रही है। बिहार में भी बाढ़ आ सकती है।’

अब तक कहां कैसी बारिश
6 अगस्त तक देश में 3 फीसदी ज्यादा बारिश हुई। इस दौरान पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में 23 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई। जबकि, उत्तर पश्चिम भारत में 22 फीसदी ज्यादा बरसात हुई। मध्य भारत में 13 फीसदी ज्यादा बारिश हुई और प्रायद्वीपीय भारत में बारिश की 3 प्रतिशत कमी देखी गई। बिहार, झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में सबसे कम बारिश हुई है।

अल नीनो का असर
कहा जा रहा है कि अल नीनो अगस्त में और मजबूत हो सकता है, जिसके चलते मॉनसून की बारिश कमजोर पड़ सकती है। हालांकि, अभी भी अल नीनो की स्थिति बनी हुई है, जो अगले साल तक जा सकती है।

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