मुंगेली नगर पालिका उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव,क्रास वोटिंग की आशंका

26 मई को हुआ था नगर पालिका उपाध्यक्ष मोहन मल्लाह का निष्कासन

उपाध्यक्ष मोहन मल्लाह जब पूर्व में भाजपा से हो चुके है निष्कासित तो फिर अविश्वास प्रस्ताव में पार्टी ने पर्यवेक्षक नियुक्त क्यों किया?

भाजपा से विजय शर्मा को बनाया गया है पर्यवेक्षक

मुंगेली। नगर पालिका उपाध्यक्ष मोहन मल्लाह के खिलाफ प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव में क्रास वोटिंग होने की भरपूर संभावना जताई जा रही है। शायद इसे ही देखते हुए प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने मुंगेली नगर पालिका के उपाध्यक्ष के खिलाफ प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव मतदान के दौरान पार्टी की ओर से विजय शर्मा को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। मगर बड़ा सवाल यह भी है जब पूर्व में नगर पालिका अध्यक्ष हेमेंद्र गोस्वामी के पक्ष में वोटिंग के लिए भाजपा के उपाध्यक्ष सहित अन्य पार्षदों पर क्रॉस वोटिंग के आरोप के बाद पार्टी ने नगर पालिका उपाध्यक्ष सहित अन्य क्रॉस वोटिंग में संलिप्त पार्षदों को भाजपा से निकाल बाहर कर दिया गया है उसके बाबजूद पार्टी ने प्रदेश स्तर पर एक बड़े पदाधिकारी विजय शर्मा की पर्यवेक्षक के रूप में अविश्वास प्रस्ताव के लिए नियुक्ति कर भेजे जाने पर भाजपा के कथनी और करनी में सवाल उठने लगे हैं आखिर जिस व्यक्ति को पार्टी से निष्कासित किया जा चुका है उसके लिए अचानक प्रेम जागना एक प्रमुख पार्टी के कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।

बहरहाल मुंगेली नगर पालिका में अल्पमत में आ चुकी भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष मोहन मल्लाह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखा गया है जिस पर 24 जनवरी को मतदान होगा। इस मतदान पर नजर रखने के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने विजय वर्मा को बतौर पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। यहां यह बताना लाजमी है कि मुंगेली नगरपालिका के लिए हुए विगत चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी से 12 पार्षद चुनकर आए थे जबकि कांग्रेस के 10 पार्षद चुनाव में विजयी हुए थे। मुंगेली नगर पालिका में कुल 22 वार्ड हैं। इस चुनाव के बाद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों ही पदों के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों की जीत हुई थी। अध्यक्ष पद के लिए संतूलाल सोनकर और उपाध्यक्ष पद के लिए मोहन मल्लाह चुनाव में विजयी घोषित किए गए थे।

लेकिन बाद में नाली घोटाले में आर्थिक अनियमितता के आरोप में भाजपा के नगर पालिका अध्यक्ष संतूलाल सोनकर जेल जाने के कारण पद से बर्खास्त कर दिए गए। इसके बाद हुए अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा पार्षदों की क्रास वोटिंग के कारण कांग्रेस के हेमेंद्र गोस्वामी चुनाव जीतने में सफल हुए थे। आश्चर्य की बात यह है कि भाजपा के 12 और कांग्रेस के 10 वोट होने के बाद भी कांग्रेस के हेमेंद्र गोस्वामी 16 वोट पाकर चुनाव जीत गए थे। इसका मतलब ही साफ है कि भाजपा पार्षदों की ओर से खुलकर क्रॉस वोटिंग की गई थी।

अब अपनी पार्टी का अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस समर्थकों ने उपाध्यक्ष पद पर मौजूद भारतीय जनता पार्टी के मोहन मल्लाह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखा है। जिस पर 24 जनवरी को मतदान होना है। इस चुनाव में भी भाजपा पार्षदों के द्वारा जोरदार क्रॉस वोटिंग की आशंका है। इसके कारण ही भाजपा प्रदेश महामंत्री विजय शर्मा को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। लेकिन भाजपा के 3 पार्षदों के कांग्रेस प्रवेश से और पूर्व अध्यक्ष संतू लाल सोनकर का वोटिंग पावर नहीं रहने तथा क्रास वोटिंग की आशंका से कांग्रेस की स्थिति काफी मजबूत है। कांग्रेस की ओर से इस समय मनुराज सोनी को मजबूत दावेदार माना जा रहा है। उनके पिता अनिल सोनी मुंगेली नगर पालिका के तीन बार अध्यक्ष आ गए हैं जबकि उनकी माता भी एक बार अध्यक्ष रह चुकी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *