नई दिल्ली। सरकार ने 11 सितंबर, 2024 को अणुशक्ति विद्युत निगम लिमिटेड (अश्विनी), न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड – एनपीसीआईएल (51%) और एनटीपीसी लिमिटेड (49%) के संयुक्त उद्यम (जेवी) को परमाणु ऊर्जा अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार भारत में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का निर्माण, स्वामित्व और संचालन करने की मंजूरी दी। इसके अतिरिक्त भारत सरकार ने स्वदेशी पीएचडब्ल्यूआर तकनीक पर आधारित माही बांसवाड़ा राजस्थान परमाणु ऊर्जा परियोजना (एमबीआरएपीपी) 4×700 मेगावाट को एनपीसीआईएल से संयुक्त उद्यम कंपनी अश्विनी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी है। सरकार ने एनपीसीआईएल को 500 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने की छूट और एनटीपीसी को एक संयुक्त उद्यम/सहायक कंपनी में 5000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने की छूट भी मंजूर की है। इससे भारत में परमाणु ऊर्जा क्षमता में तेजी से वृद्धि के लिए पर्याप्त वित्तपोषण संभव हो सकेगा। एमबीआरएपीपी के अलावा, अश्विनी देश के विभिन्न हिस्सों में अन्य परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं पर भी काम करेगी। इससे एनटीपीसी और एनपीसीआईएल दोनों के लिए वित्त, प्रौद्योगिकी और परियोजना विशेषज्ञता के संदर्भ में संसाधनों को एकत्र करने का मार्ग प्रशस्त होगा, ताकि देश में परमाणु ऊर्जा उत्पादकता में तेजी से विस्तार किया जा सके और 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्यों को पूरा किया जा सके। परमाणु ऊर्जा विभाग ने 17.09.2024 को सीएमडी, एनपीसीआईएल और सीएमडी, एनटीपीसी को औपचारिक रूप से सरकारी मंजूरी सौंप दी है।