बिलासपुर/ ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को ओबीसी का सर्वे करने के निर्देश दिए हैं। इस क्रम में राज्य सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग(ओबीसी) का सर्वे कराने जा रही है। इसमें सरकार जानना चाहती है कि ओबीसी कितने पढ़े-लिखे हैं। कितने के पास बाइक, कार, ट्रैक्टर व पक्के मकान के साथ ही सरकारी नौकरी है।
आरक्षण नीति का लाभ उन्हें मिला है या नहीं। इसके अलावा खेती की जमीन, प्लाट और गाय, बैल, भैस, बकरी, भेड़ और मुर्गी के बारे में तक सरकार जानने को उत्सुक हैं। शासकीय योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं। व्यक्गित जानकारी देने से लोग इनकार कर सकते हैं। यही वजह है कि दी गई जानकारी को गोपनीय रखने का दावा शासन ने किया है।
शुरुआत में यह माना जा रहा था कि ये सर्वे ओबीसी आरक्षण के लिए है, ताकि चुनाव के पहले आरक्षण का निर्णय लिया जा सके। नगरीय प्रशासन विभाग व पिछड़ा वर्ग आयोग के पत्रों में भी कंपलीट सर्वे का उल्लेख नहीं था। लेकिन सर्वे फॉर्म आने के बाद मालूम हुआ कि सरकार तो ओबीसी से जुड़ी हर जानकारी इकट्ठा करना चाहती है। ताकि उसके पास ओबीसी को लेकर एक बड़ा डेटा आ जाए। सर्वे में परिवार के सदस्यों के नाम, जाति, उप जाति, आयु, मातृभाषा, मतदाता सूची क्रमांक, वैवाहिक स्थिति, शादी के समय आयु जैसी व्यक्तिगत जानकारी के साथ ही शैक्षणिक हालत भी पूछा जाएगा।
मसलन स्कूल के प्रवेश के समय आयु, स्कूल का प्रकार, शैक्षिक स्थिति, असाक्षर हैं तो उसकी वजह क्या हैं आदि। स्कूल छोड़ने वाले 6 से 17 वर्ष के बच्चों के साथ ही 17 से 40 वर्ष आयु वर्ग के पढ़ाई छोड़ने के बारे में जानकारी ली जाएगी।