45 साल बाद पूरी होगी पीपरछेड़ी सिंचाई परियोजना – मुख्यमंत्री ने दी ऐतिहासिक स्वीकृति

10 से अधिक गांवों के 5,000 किसान होंगे लाभान्वित, क्षेत्र की बदलेगी तस्वीर

रायपुर : गरियाबंद जिले के सुदूर वनांचल मड़ेली में आज एक ऐतिहासिक क्षण उस समय आया, जब मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने 45 वर्षों से अधूरी पड़ी पीपरछेड़ी सिंचाई परियोजना को पूरा करने की घोषणा की। यह घोषणा न केवल एक अधूरे वादे की पूर्णता है, बल्कि क्षेत्र के हजारों किसानों के सपनों की भी पुनर्स्थापना है।

1977 में प्रारंभ हुई इस योजना को घुनघुट्टी नाला पर बांध बनाकर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू किया गया था, लेकिन 1980 में वन अधिनियम लागू होने के कारण वन एवं पर्यावरणीय स्वीकृति न मिलने से कार्य अधर में लटक गया। इसके बाद की कई सरकारों ने इस ओर गंभीर पहल नहीं की, और किसानों की आशाएं धीरे-धीरे धुंधली पड़ती गईं।

परंतु मुख्यमंत्री श्री साय ने इस मुद्दे को प्राथमिकता में लिया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पर्यावरणीय स्वीकृति देकर वर्षों पुरानी इस परियोजना को जीवनदान दिया। मुख्यमंत्री श्री साय ने सुशासन तिहार समाधान शिविर में इस बहुप्रतीक्षित स्वीकृति की घोषणा की, जिसे सुनकर उपस्थित जनसमूह ने हर्षोल्लास से वातावरण गुंजायमान कर दिया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह सिर्फ एक परियोजना नहीं, बल्कि किसानों के संघर्ष, प्रतीक्षा और उम्मीद की जीत है। यह सुशासन तिहार का असली अर्थ है – लोगों के जीवन में वास्तविक बदलाव लाना। इस निर्णय से न केवल क्षेत्र के किसानों को स्थायी सिंचाई सुविधा मिलेगी, बल्कि फसल उत्पादन और किसानों की आर्थिक स्थिति में भी व्यापक सुधार होगा, जिससे क्षेत्र में समग्र विकास की नई धारा बहेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *