लोन देने के बहाने लोगों को किया जा रहा एक फाइनेंस कंपनी द्वारा परेशान, जल्द होगा बड़ा खुलासा…..

ये कर्ज जानलेवा है! जानें-जाल में कैसे फंसाते हैं फटाफट लोन देने वाले फर्जी लोग, क्या रखें सावधानी?

मिनटों में लोन देने वाले के झांसे में आकर लोग बर्बाद हो रहे हैं मुंगेली शहर के लोग

बार बार फर्जी फोन कॉल से लोगों का जीना हुआ मुहाल

एक बार जाल में फंसे तो जीवन नरक बना रहा ये लोन

मुंगेली। मिनटो के झांसे में आकर लोग बर्बाद हो रहे हैं। मुंगेली जिले और आसपास फ्रेंचाइजी और भाड़े के लोगों के माध्यम से मोटी रकम,इंसेंटिव, बोनस के लालच में भाड़े के लोग फोन कॉल में लगातार लोगो का जीना दूभर कर रखा है जिसकी पुलिस में शिकायत भी हो रही है बावजूद ये फाइनेंस की आड़ में अपना पैर पसारे हुए हैं। इन झांसों में कई लोगों ने सुसाइड कर लिया है।

मालूम हो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बार-बार चेता रहा है। आइए जानते हैं कि ये फाइनेंस की आड़ में किस तरह से लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं और इनसे किस तरह से सचेत रहना चाहिए?

यह असल में पूरा एक रैकेट है, जिसमें चीन, इंडोनेशिया तक के नागरिक शामिल हैं और कई छापों में ऐसे लोग पकड़े भी गये हैं। इनमें ज्यादा अनाधिकृत लोग लगे हैं जिन्हें रिजर्व बैंक जैसे नियामक से लोन देने का अधिकार नहीं मिला है, इसके बावजूद वे खुलेआम मिनटों में लोन का ऑफर देकर लोगों को फंसा रहे हैं। हालत यह है कि एक परिवार के महीने के मोबाइल फोन-इंटरनेट बिल जितना कर्ज लेने पर कुछ नागरिकों को जान देनी पड़ रही है।

लॉकडाउन के दौरान अचानक ऐसे लोग काफी एक्टिव हो गये, क्योंकि बहुत से लोगों की नौकरियां चली गयीं। रोज कमाने-खाने वाले करोड़ों लोगों के पास कोई काम नहीं रहा। ऐसे लोगों के लिए ये लोग अपने झांसे में लेकर सहारा बनकर आए, लेकिन ये साधु के वेश में शैतान की भूमिका निभा रहे हैं।

क्या होता है इंस्टैंट या फटाफट लोन

इसमें अक्सर ग्राहक से तीन महीने का बैंक स्टेटमेंट, आधार कार्ड या पैन कार्ड की कॉपी लेकर तुरंत यानी कुछ मिनटों में ही लोन दे दिए जाने की बात कही जाती है। कई बार ऐसे कागजात न रहने पर भी लोन दे दिया जाता है। ऐसे ज्यादातर फर्जी फाइनेंस के लोगों का बैंक या गैर बैंकिंग संस्थान (NBFC) से कोई नाता नहीं है।

कैसे फंसाते हैं

जब कर्जदार लगातार मोबाइल फोन व सीधे संपर्क में आने पर फाइनेंस की आड़ में कर्जदार से बहुत सारे अनुबंध करा बांड भराए जाते हैं तब ही यह शर्त स्वीकार कराई जाती है कि कंपनी को उनकी पर्सनल डिटेल (जैसे फोटो गैलरी) और कॉन्टैक्ट लिस्ट साझा की जा रही है। जब कोई ग्राहक इस कंपनी से अनुबंध कर जरूरी दस्तावेज देता है तो उसके कुछ मिनटों के बाद ही उसके बैंक एकाउंट में रकम डाल दी जाती है। इसके बाद शुरू होता है एक दुष्चक्र।

ऐसे अनेकों फर्जी गिरोह अथवा फाइनेंस कंपनी टेलीकॉलर ग्राहक को फोन कर बताते हैं कि उनके अच्छे रिकॉर्ड की वजह से उनकी कंपनी भी उन्हें लोन देना चाहती है। वे बताते हैं कि उन्होंने पहले कभी कोई वस्तु क्रय समय या बैंकों से लोन लिया है उससे उन्हें आपके अच्छे रिकॉर्ड का पता चला है। बहुत से ग्राहक इस लालच और जाल में फंस जाते हैं और बिना जरूरत भी ढेर सारा लोन लेते हैं। ऐसे लोग 30 से 35 फीसदी का सालाना ब्याज तो लेते ही हैं। उससे ज्यादा भयावह बात यह है कि वे ड्यू डेट पर लोन न मिलने पर प्रति दिन अनाप शनाप राशि पेनाल्टी लगा देते हैं। इसकी वजह से ही कई ग्राहक दूसरे फर्जी फाइनेंस कंपनी से लोन लेने के झांसे में फंस जाते हैं।

इस तरह की लुभावनी बातों में ​फंसाते हैं

चंद मिनट की प्रक्रिया के बाद 1 लाख से 5 लाख रुपये तक का लोन कर्ज मिलने की मियाद 7 दिन से कुछ महीनों के भीतर तक
कोई इनकम प्रूफ नहीं मांगेंगे का झांसा दे ठग लिया जाता है इसके बाद इनके टेलीकॉलर और रिकवरी एजेंट इस तरह से लोगों को प्रताड़ित करते हैं कि उनका जीना हराम हो जाता है। यहां तक कि ये कंपनियां लोन लेने वाले लोगों के पर्सनल डिटेल सोशल मीडिया पर शेयर कर उन्हें डिफॉल्टर घोषित कर देती हैं और इतने सामाजिक अपमान से क्षुब्ध होकर कई लोग आत्महत्या जैसा चरम कदम भी उठा चुके हैं।

पहले उन्हें दर्जनों कॉल कर परेशान किया जाता है। फिर उनके परिवार के सदस्यों को फोन कर धमकाया जाता है और गालियां दी जाती हैं। इसके बाद भी अगर कोई लोन नहीं चुका पाता तो उसके कॉन्टैक्ट लिस्ट के लोगों, दोस्तों को फोन कर, उन्हें व्हाट्सऐप मैसेज भेजकर ग्राहक को अपमानित किया जाता है।

यही नहीं प्रताड़ना के लिए उसकी पर्सनल जानकारी भी सोशल मीडिया पर साझा कर दी जाती है।उन्हें चीटर बताया जाता है। उनके यहां फर्जी लीगल नोटिस भेजी जाती है।

पहले ही काट लेते हैं बड़ी रकम

यही नहीं कई ये फर्जी फाइनेंस कंपनी तो लोन देने के पहले ही प्रोसेसिंग फीस और जीएसटी के नाम पर बड़ी रकम काट देते हैं। उदाहरण के लिए यदि कोई 5 लाख का लोन ले रहा है तो उससे प्रोसेसिंग और जीएसटी के नाम पर 11800 रुपये तक की रकम काटकर अन्य प्रोसेसिंग चार्ज वगैरह के नाम से मोटी रकम ऐंठ ली जाती है।

प्रताड़ना के तरह-तरह के तरीके

समय पर नहीं भरा तो कई गुना पेनाल्टी लगाएंगे,किस्त न चुकाने पर डेली अनाप शनाप पेनल्टी लगा देते हैं,किस्त नहीं दी तो लोन लेने वाले की फोटो सार्वजनिक कर देते हैं। पर्सनल डिटेल सोशल मीडिया पर शेयर कर उन्हें डिफॉल्टर घोषित कर देते हैं। उनको फोन कर तरह-तरह की गालियां देते हैं। कर्जदार के कॉन्टैक्ट लिस्ट के लोगों को फोन कर उसे बदनाम कर देते हैं। परेशान होकर कर्ज लेने वाले कई लोग आत्महत्या कर जान दे देते हैं।

रिजर्व बैंक ने चेतावनी दी है

भारतीय रिजर्व बैंक ने सवालों के घेरे में आई डिजिटल मनी लेंडिंग फर्जी फाइनेन्स को लेकर ग्राहकों को सचेत रहने की चेतावनी दी है। इस तरह के ऐप्स के द्वारा कई कंपनियां लुभावनी ब्याज दर पर सेकंडों में कर्ज का वादा करती हैं उसके बाद बकाये की वसूली के लिए जोर-जबरदस्ती करती हैं।

क्या सावधानी रखें

रिजर्व बैंक ने कहा है, ‘ग्राहकों को कभी भी केवाईसी दस्तावेजों की प्रति बगैर पहचान वाले व्यक्ति, अपुष्ट/अनाधिकृत ऐप को नहीं देना चाहिए और ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने के लिए इस तरह के ऐप और बैंक खाते की सूचना सचेत पोर्टल के माध्यम से संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसियों को देनी चाहिए।’

चेक करें कि लोन रजिस्टर्ड NBFC से मिल रहा है या नहीं

रिजर्व बैंक ने कहा है कि किसी भी ऐसे फर्जी फाइनेंस कंपनी या अनाधिकृत व्यक्ति को अपनी केवाईसी के दस्तावेज न दें। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि सभी डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्मों को उस बैंक या एनबीएफसी का खुलासा ग्राहकों के सामने करना चाहिए, जिनके माध्यम से वे लोन देने का वादे करते हैं।

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