वाराणसी(अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट )। बनारस के तो रोम रोम से गीत संगीत और कला झरती है। यहां गंगा के घाटों पर कितनी ही कलायें विकसित हुई हैं , ज्ञान शिखर तक पहुंचा है और मानवता से जुड़े कितने गंभीर चिंतन हुये हैं। इसीलिये बनारस गीत-संगीत का , धर्म-आध्यात्म का और ज्ञान-विज्ञान का एक बहुत बड़ा ग्लोबल सेंटर बन सकता है। काशी के बारे में कहते ही है कि बाबा की नगरी कभी थमती नहीं , यह एक बार फिर सिद्ध हो गया है। कोरोना काल में भी बनारस में सृजन और विकास की धारा बहती रही। काशी तो साक्षात् शिव ही है। अब जब पिछले सात सालों में इतनी सारी विकास परियोजनाओं से काशी का श्रृंगार हो रहा है , तो ये श्रृंगार बिना रुद्राक्ष के कैसे पूरा हो सकता था ? अब जब ये रुद्राक्ष काशी ने धारण कर लिया है , तो काशी का विकास और ज्यादा चमकेगा और काशी की शोभा पहले से ज्यादा बढ़ेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर के उद्घाटन पश्चात जनता को संबोधित करते हुये कही। पीएम ने आगे कहा कि कोरोना काल में जब दुनियां ठहर सी गयी थी तब काशी संयमित तो हुई , अनुशासित भी हुई लेकिन सृजन और विकास की धारा अविरल बहती रही। काशी के विकास के ये आयाम, ये ‘इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एंड कन्वेंशन सेंटर- रुद्राक्ष’ आज इसी रचनात्मकता का इसी गतिशीलता का परिणाम है। उन्होंने कहा कि चाहे सामरिक एरिया हो या आर्थिक एरिया , जापान आज भारत के सबसे विश्वसनीय दोस्तों में से एक है। हमारी दोस्ती को इस पूरे क्षेत्र की सबसे प्राकृतिक भागीदारी में से एक माना जाता है। भारत और जापान की सोच है कि हमारा विकास हमारे उल्लास के साथ जुड़ा होना चाहिये। ये विकास सर्वमुखी , सबके लिये और सबको जोड़ने वाला होना चाहिये।
एक नजर रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर पर
रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर जापान और भारत के बीच दोस्ती का प्रतीक है। वर्ष 2015 में तत्कालीन जापान के प्रधानंत्री शिंजो आबे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी नींव रखी थी। यह शिवलिंग के आकार में बनाया गया है। रुद्राक्ष कन्वेंशन की डिजाइन जापान की कंपनी ओरिएंटल कंसल्टेंट ग्लोबल ने किया है। निर्माण का काम भी जापान की ही फुजिता कारपोरेशन कंपनी ने किया है। सेंटर को सांस्कृतिक व आधुनिक समागम के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित किया गया है। कुल 186 करोड़ रुपये की लागत से तैयार सेंटर शिवलिंग के आकार में निर्मित स्वयं में एक अद्वितीय कन्वेंशन सेंटर है। इसमें जापानी और भारतीय दोनों ही प्रकार की वास्तु शैलियों का संगम दिखता है। यहां बड़े म्यूजिक कॉन्सर्ट, कांफ्रेंस, नाटक हो सकेंगे और प्रदर्शनियां भी लगेंगी। सेंटर में एक साथ 1200 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। हॉल को लोगों की संख्या के अनुरूप दो हिस्सों में विभाजित करने की व्यवस्था की गई है। यह सेंटर पूर्णतया वातानुकूलित है ,बड़े हॉल के अलावा 150 लोगों की क्षमता वाला एक मीटिंग हॉल है। इसके अतिरिक्त यहां एक वीआईपी कक्ष , चार ग्रीन रूम का निर्माण कराया गया है। दिव्यांगजनों की सुविधा की दृष्टि से पूरे परिसर को सुविधाजनक बनाया गया है। सेंटर के बाहर एल्युमिनियम के 108 सांकेतिक रुद्राक्ष लगाये गये हैं। तीन एकड़ में तैयार कन्वेंशन सेंटर परिसर में जापानी शैली का गार्डन व लैंडस्केपिंग भी की गई है। बेसमेंट में 120 गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था की गई है। सुरक्षा की दृष्टि से सेंटर में सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं , विद्युत आपूर्ति के लिए बिजली कनेक्शन के साथ-साथ सौर ऊर्जा का भी प्रबंध किया गया है। इसके अलावा रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में बने कम्पार्टमेंट और वॉटर कर्टेन आग से सुरक्षा प्रदान करेंगे। बिल्डिंग में आग लगने की स्थिति में कार्यक्रम देख रहे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिये इंटरनेशनल फायर स्टैंडर्ड के मानकों से सुसज्जित किया गया है। रुद्राक्ष में 199 स्मोक व 53 हीट डिटेक्टर लगे हैं , जो मेन फायर अलार्म एड्रेसेबल पैनल को सूचना देते हैं। इस सेंटर में वियतनाम की कुर्सियां लगी हैं। इन्हें जरूरत के अनुसार कुछ आगे पीछे भी कर सकते हैं।
रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर के उद्घाटन और पीएम मोदी के संबोधन के साथ जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा का वर्चुअली वीडियो संदेश भी लोगों को सुनाया गया। जाापनी पीएम ने कहा कि मैं इस कन्वेंशन सेंटर के उद्घाटन पर सभी को शुभामनायें देता हूं। मैं इस बात को लेकर बहुत उत्साहित हूं कि यह कन्वेंशन सेंटर एक खास शहर में बना है। इस दौरान जापान के राजदूत सुजकी सतोशी भी मौजूद थे , उन्होंने भारत-जापान की दोस्ती के बारे में बात की। साथ ही उन्होंने कहा कि कंवेशंन सेंटर का डिजाइन जापानी कंपनी ने किया है , जो जापान के लिये बहुत बड़ी उपलब्धि है। कन्वेंशन सेंटर पहुंचते ही सबसे पहले प्रधानमंत्री ने परिसर में एक पौधा लगाया। पौधरोपण के बाद रिबन काटकर सेंटर का उद्घाटन किया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने शिलापट्ट का अनावरण कर रुद्राक्ष को देश को समर्पित किया।
बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगभग आठ माह पश्चात आज वायुसेना के विमान से बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचे , जहाँ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , मंत्री आशुतोष टंडन और राधामोहन सिंह समेत कई नेताओं ने उनकी अगवानी की।जिसके बाद पीएम हेलीकॉप्टर से बीएचयू के आईआईटी टेक्नो ग्राउंड पहुंचे। जहां पीएम ने 744.02 करोड़ की 78 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं 838.91 करोड़ लागत वाली 206 परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इस तरह कुल 284 परियोजनाओं की लागत 1582.93 करोड़ रूपये का तोहफा बनारसियों को दिया , जिसमें स्वास्थ्य , विकास , जल निगम , ऊर्जा , सिंचाई आदि की परियोजनायें शामिल हैं।भारत माता की जय के साथ भाषण की शुरूआत बनारसी भाषा में करते हुये पीएम मोदी ने कहा कि आप सब लोगन से सीधा मुलाकात का अवसर मिलल हौ , काशी के सभी लोगन के प्रणाम , हम समस्त लोग दुख हरे वाले भोलेनाथ , माता अन्नपूर्णा के चरण में भी शीश झुकावत हई। पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज लंबे समय के बाद वाराणसी के लोगों से सीधी मुलाकात का अवसर मिला है। वाराणसी के विकास के लिये जो कुछ भी हो रहा है, वो सबकुछ महादेव के आशीर्वाद से हो रहा है। कोरोना काल के बीच भी काशी ने दिखा दिया कि वो रुकती नहीं है , कभी थकती नहीं है। कोरोना की दूसरी लहर ने पूरी ताकत के साथ हमला किया , लेकिन वाराणसी और उत्तरप्रदेश ने इसका मुकाबला किया। उत्तरप्रदेश की आबादी दुनियां के कई बड़े देशों से भी ज्यादा है , उस यूपी ने कोरोना की दूसरी लहर को बेहतर तरीके से संभाला है। यूपी में कोरोना के सबसे ज्यादा टेस्ट हुये हैं , सबसे ज्यादा वैक्सीन भी यूपी में लगी है , यहां हर किसी को मुफ्त में वैक्सीन दी जा रही है। यूपी में मेडिकल कॉलेज की संख्या चार गुनी हो गई है, जबकि करीब साढ़े पांच सौ से भी अधिक आक्सीजन प्लांट प्रदेश में लगाये जा रहे हैं। अपने कार्यों और विकाश के बातों के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री के कार्यों की चर्चा और प्रसंशा के साथ ही विपक्ष पर तंज भी कसा। एक लघु फ़िल्म के जरिये बिकाश का लेख जोखा भी रखा गया। मंच पर पीएम के साथ उत्तरप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी थे। सीएम योगी ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत करते हुये कहा कि उनके नेतृत्व में काशी की दुनियां में नई पहचान बनी है। उन्होंने कहा कि काशी जिन बातों के लिये तरसती थी , आज उन्हीं क्षेत्रों में दुनियां के लिये प्रेरणा बन रही है। प्रधानमंत्री को कोरोना काल में लगातार वाराणसी की चिंता हो रही थी , वे लगातार संवाद करते रहे। कोरोना संकटकाल में भी प्रधानमंत्री ने कुशल नेतृत्व दिया है। सीएम ने काशी और उत्तरप्रदेश की ओर से प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त कियाI इसके बाद पीए मोदी बीएचयू के एमसीएच विंग और क्षेत्रीय नेत्र संस्थान का निरीक्षण एवं उद्घाटन करने के साथ कोरोना वारियर्सों से बातचीत की , जिसमें जिलाधिकारी- कमिश्नर-मुख्य विकास अधिकारी और कोरोना वारियर्स शामिल थे। कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिये चिकित्सा और स्वास्थ्य की तैयारियों को लेकर आधुनिक मशीनों , लैब , आक्सीजन , बेड की उपलब्धता और कोरोना की दवाओं पर शोध को लेकर विशेषज्ञों से उनके अनुभवों पर बात कर तैयारियों की सराहना की। इस दौरान वे कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के लिये चल रही विशेष तैयारियों से भी अवगत हुये। वहीं 100 बेड का मातृ शिशु स्वास्थ्य को समर्पित एमसीएच विंग की आधुनिक सुविधाओं का निरीक्षण किया। वाराणसी में सभी कार्यक्रमों की समाप्ति पश्चात पीएम मोदी नई दिल्ली के लिये रवाना हो गये। अगले साल उत्तरप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुये पीएम मोदी के इस साल का पहला वाराणसी दौरा अहम है। यह दौरा भाजपा के विधानसभा चुनाव अभियान की शुरुआत के तौर पर भी देखा जा रहा है।