रायपुर/ नई ट्रांसफर पॉलिसी के बारे में विधानसभा सत्र खत्म होने के बाद गृहमंत्री विजय शर्मा ने मीडिया को जानकारी दी।
छत्तीसगढ़ में पुलिस की ट्रांसफर-पोस्टिंग नीति को BJP सरकार बदलने जा रही है। इसके बाद पुलिसकर्मियों को विभाग के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इससे पहले भूपेश सरकार में अगस्त 2022 में पुलिस ट्रांसफर पॉलिसी बनी थी।
.दरअसल, यह नीति नक्सल प्रभावित इलाकों में काम कर रहे पुलिसकर्मियों के लिए बनाई जा रही है। गृहमंत्री विजय शर्मा ने विधानसभा में कहा कि, नीति आने के बाद किसी भी पुलिसकर्मी को नेता-मंत्रियों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
विधानसभा में कांग्रेस विधायक सावित्री मंडावी ने नक्सल क्षेत्र में तैनात पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर और आवास का मुद्दा उठाया था। इस पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने जवाब दिया।
विधानसभा में कांग्रेस विधायक सावित्री मंडावी ने नक्सल क्षेत्र में तैनात पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर और आवास का मुद्दा उठाया था। इस पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने जवाब दिया।
पहले जानिए विधानसभा में गृहमंत्री ने क्या कहा
कांग्रेस विधायक सावित्री मंडावी ने पुलिसकर्मियों के तबादले का मुद्दा उठाया। उन्होंने पूछा कि, पुलिसकर्मियों के मैदानी इलाकों में पदस्थापना का क्या प्रावधान है? पदस्थापना के लिए विभाग के क्या दिशा-निर्देश हैं? कर्मचारियों के लिए दिशा-निर्देश कब तक जारी होंगे और उनके आवास की क्या व्यवस्था है?
इस पर डिप्टी CM और गृहमंत्री विजय शर्मा ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि, नक्सल प्रभावित क्षेत्र में तैनात पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर के लिए नई पॉलिसी बनाई जा रही है। ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन सिस्टम बन रहा है। ट्रांसफर योग्य अधिकारी, कर्मचारी ऑनलाइन आवेदन करेंगे। ट्रांसफर आदेश घर तक पहुंच जाएगा।
पुलिस मुख्यालय की स्थापना समिति अभी लेती है निर्णय
गृहमंत्री शर्मा ने बताया कि, नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिसकर्मियों की पदस्थापना का विभाग से दिशा-निर्देश जारी है। तबादले का निर्देश पुलिस मुख्यालय की स्थापना समिति निर्णय लेती है। नक्सल क्षेत्र से मैदानी इलाकों में ट्रांसफर के लिए नियम पहले से हैं। ट्रांसफर करने के दौरान इन नियमों का ध्यान रखा जाता है।
नक्सल इलाकों में 3 साल नौकरी के बाद ही तबादला
विजय शर्मा ने कहा, जो SI से निरीक्षक के पद पर प्रमोट होते हैं, उनकी कम से कम 3 साल के लिए नक्सल क्षेत्रों में तैनाती की जाती है। या फिर जिन कर्मचारियों की उम्र 54 वर्ष से कम है, उनकी भी पदस्थापना का प्रावधान है। नक्सल इलाकों में 3 साल नौकरी के बाद पुलिसकर्मियों की अन्य जिलों में ट्रांसफर का प्रावधान है।