रायपुर/ शहर के परिसीमन को लेकर बड़ा विवाद शुरू हो गया है। नगर निगम की राजनीति भी गरमा गई है। भाजपा पार्षद इसे वार्डों में विसंगति दूर करने के लिए जरूरी बता रहे हैं तो महापौर और उनकी एमआईसी इस पर कई सवाल उठा रही है।
कांग्रेसी पार्षदों का कहना है कि पांच साल के भीतर दूसरी बार परिसीमन की जरूरत क्यों है? राज्य शासन के आदेश में परिसीमन के लिए 2011 की जनगणना को आधार बनाया जाता है, जबकि इस दौरान रायपुर की कई जनसंख्या बहुत ज्यादा बढ़ गई है।