रायपुर/छत्तीसगढ़ शासन पर्यटकों को लुभाने के लिए कई नई जानकारियां केंद्र सरकार को भेजने जा रहा है। इनमें अंबिकापुर के प्लास्टिक कचरे के बदले भरपेट भोजन देने वाले देश के पहले गार्बेज कैफे के साथ स्वामी विवेकानंद रायपुर के जिस डे भवन में ठहरे थे, उसकी जानकारी इसके अलावा रायपुर की 115 साल पुरानी आनंद समाज लाइब्रेरी, राज्योत्सव, बिलासपुर के राउत नाचा, बिलासपुर जेल जहां पुष्प की अभिलाषा कविता लिखी गई और बस्तर दशहरा के साथ पर्यटकों के लिए जरूरी भाषा और बोलियों की भी जानकारी दी जा रही है। इसके लिए छत्तीसगढ़ के सभी जिलों से 17 श्रेणियों में पर्यटन से जुड़ी छोटी से छोटी जानकारी मंगाई गई है। कुछ जिलों ने जानकारी दे भी दी है। पूरा डेटा जुटाने के बाद टूरिज्म एसेट्स बैंक बनाने की तैयारी है।
कोविड के बाद विदेशी सैलानियों की संख्या घटी
प्रदेश में कोविड के पहले तक 14 हजार से ज्यादा विदेशी सैलानी आते थे, लेकिन कोविड के बाद इनकी संख्या घट गई। 2018 में देशभर से 1.93 करोड़ पर्यटक छत्तीसगढ़ आए थे। इनमें 14,399 विदेशी सैलानी थे। 2019 में 1.73 करोड़ पर्यटकों में 6817 ही विदेशी यहां पहुंचे। 2020 में देश के अलग-अलग हिस्सों से पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या 30.11 लाख थी। इमनें विदेशियों की संख्या 2322 थी। 2021 में विदेशी पर्यटकों की संख्या 23 और 2022 में 48 ही रह गई। 2023 में भी यह संख्या कम ही रही।
^पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से केंद्र किसी योजना पर काम कर रहा है। तभी 17 कैटेगरी में जानकारी पहली बार मंगाई गई है। हमने जिलों से जानकारी मंगाई है। तीन जिलों ने जानकारी भेज भी दी है। ये जानकारी हम केंद्र सरकार को भेजेंगे।
– विजय परमार, योजना प्रमुख, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल
अभी प्रमुख स्थलों के बारे में ही जानते हैं पर्यटक
अभी देश-दुनिया के पर्यटक छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल जैसे चित्रकोट जलप्रपात, तीरथगढ़ जलप्रपात, कांगेर वैली नेशनल पार्क, बारसूर गणेश मंदिर, सिरपुर, गंगरेल डैम वाटर स्पोर्ट्स, अचानकमार टाइगर रिजर्व, मैनपाट, गिरौदपुरी धाम, भोरमदेव मंदिर, रतनपुर महामाया मंदिर, मल्हार, शदाणी दरबार, जंगल सफारी, पुरखौती मुक्तांगन, बूढ़ा तालाब आदि के बारे में ही जानते हैं। लेकिन इनके अलावा और कई स्थल पुरातत्व महत्व के हैं और ये पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हो सकते हैं।