रायपुर/ राजधानी रायपुर में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के संविदा कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं। मंगलवार को प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आए संविदा कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी विधानसभा का घेराव करने के लिए निकले, लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में ही रोक दिया। आंदोलनकारियों ने बताया कि संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी लंबित 27% वेतन-वृद्धि और नियमितीकरण सहित 18 मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
6 महीने से लगा रहे चक्कर
संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि पिछले 6 माह में वर्तमान सरकार को 24 से ज्यादा ज्ञापन और निवेदन दिया जा चुका है, इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिससे कर्मचारियों में भारी रोष है। पिछले जुलाई 2023 में बजट सत्र के दौरान अनुपूरक बजट में 37000 संविदा कर्मचारियों के लिए 27% वेतन-वृद्धि की घोषणा की गई थी, जिसके लिए 350 करोड़ का बजट आवंटन भी तत्कालीन सरकार ने किया था। जिसका लाभ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों 1 साल बाद भी नहीं मिल पाया है ।
16 हजार कर्मचारियों को लाभ नहीं मिला
छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ अमित कुमार मिरी ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के 16000 संविदा कर्मचारियों को 27% वेतन-वृद्धि का फायदा पिछले 1 साल से नहीं मिला है। हालांकि, स्वच्छता मिशन, मनरेगा, समग्र शिक्षा विभाग में काम करने वाले संविदा कर्मचारियों वेतन वृद्धि का लाभ मिल रहा है। सरकार हमारे साथ भेदभाव क्यों कर रही है। अध्यक्ष ने कहा कि सरकार हमारी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करें नहीं तो आने वाले दिनों में बड़ा प्रदर्शन करेंगे।
ये है प्रमुख मांगें
18 मांगों में नियमितिकरण, लंबित 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि, ग्रेड-पे निर्धारण, वेतन विसंगति निराकरण, सी आर व्यवस्था में सुधार, चिकित्सा परिचर्या, अवकाश नियम में बदलाव, अनुकंपा नियुक्ति और अनुदान में राशि में वृद्धि, सेवा पुस्तिका संधारण, तबादला व्यवस्था में नियमितता जैसी प्रमुख मांगों को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है।