मुंगेली । मुंगेली जिला मुख्यालय में आज सैकड़ों नागरिकों ने रैली निकालकर हसदेव के जंगलों में कोयला खदान हेतु जंगलों की कटाई का विरोध दर्ज किया। रैली मुंगेली के दाऊपारा चौक से कलेक्ट्रेट तक निकाली गई।
रैली को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ समाजवादी व किसान नेता आनंद मिश्रा ने कहा की हसदेव के जंगल इस धरती के फेफड़े हैं यदि इन जंगलों को नष्ट किया गया तो पूरे क्षेत्र में मानसून गड़बड़ हो जाएगा जिसका खामियाजा प्रदेश के किसानों को भुगतना होगा। सरकार तत्काल हसदेव के जंगलों में कोयला खदानों के लिए वृक्षों की कटाई के आदेश को वापस ले।
रैली को बिलासपुर से आए हसदेव बचाओ आंदोलन के प्रथमेश एवं साकेत तिवारी ने भी संबोधित किया। रैली में मुंगेली के प्रतिष्ठित नागरिकों के साथ आसपास के सैकड़ों ग्रामीणों ने अपने सरपंचों के साथ भागीदारी निभाई। लोरमी एवं बिलासपुर से आए हसदेव बचाओ आंदोलन के लगभग 50 आंदोलनकारी रैली में शामिल हुए। रैली का नेतृत्व अखिलेश चंद्र प्रदीप बाजपेई एवं असीम तिवारी ने जोशीले नारे लगाते हुए किया। कलेक्ट्रेट पहुंचकर नागरिकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन जिलाधीश को सौंपा।
ज्ञापन में मांग की गई कि राज्य सरकार हसदेव क्षेत्र में कोल ब्लॉक को हेतु दी गई समस्त वन अनुमतियां जिसमें पीईकेबी का विस्तार भी शामिल है को वापस ले और केंद्र सरकार हसदेव क्षेत्र में आंबटित समस्त कोल ब्लॉक निरस्त करे तथा हसदेव क्षेत्र में किसी भी प्रकार की व्यवसायिक गतिविधियों को रोकने हेतु पूरे क्षेत्र को पुनः नो गो घोषित करे।
अनुमतियां रद्द होने तक आंदोलन जारी रहेगा
आंदोलनकारियों ने कहा कि जब तक हसदेव क्षेत्र के कोल ब्लॉकों की अनुमतियां रद्द नहीं होती हैं तब तक आंदोलन जारी रहेगा। हसदेव बचाओ रैली में शामिल प्रमुख नागरिकों में आनंद मिश्रा, विवेक मिश्रा असीम तिवारी, सरपंच भूपेन्द्र शर्मा, सुरेंद्र पांडे,भूतपूर्व सरपंच जेठूसिंह, ईश्वर सिंह, केदार सिंह, सुखदेव मिश्रा, जयसिंह, गनपत सिंह, गोरे यादव, शंकर सिंह, मनीष सिंह, हर्षवर्धन सिंह, वैभव पांडे रितेश मिश्रा, अनिल प्रबल, किशोर, डॉक्टर रश्मि बुधिया, डॉक्टर मेहुल केड़िया, साकेत तिवारी, सतमीत सिंग, योगेश गुप्ता, रतीष श्रीवास्तव, महमूद हसन रिजवी, पवन पांडे इत्यादि शामिल थे।