बलौदाबाजार-भाटापारा जिला कार्यालय की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल…

बलौदाबाजार। जिला मुख्यालय बलौदाबाजार-भाटापारा में प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। जिला कार्यालय के भीतर पदस्थापन और कार्य विभाजन में पारदर्शिता की कमी तथा मनमानी नज़र आ रही है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वित्त शाखा में पदस्थ सहायक श्रीमती खुशबू शर्मा वर्ष 2013 से लगातार एक ही शाखा में कार्यरत हैं। विगत वर्षों में जहां अन्य लिपिकों का शीट परिवर्तन होता रहा, वहीं श्रीमती शर्मा का तबादला अब तक नहीं हुआ। इससे कार्यालयीन कर्मचारियों में असंतोष व्याप्त है।

वहीं, स्टेनो पद पर पदस्थ कर्मचारी जिला गठन से लेकर अब तक उसी स्थान पर कार्यरत हैं। इसके साथ ही स्टेनो नामदेव वर्मा की शाली नम्रता वर्मा को भी वित्त शाखा में पदस्थ किया गया है, जबकि इस शाखा में पहले से ही तीन सहायक ग्रेड-2 कार्यरत हैं। यह भी सवाल खड़ा करता है कि आखिर किस आधार पर वित्त विभाग में अतिरिक्त कर्मचारी को स्थान दिया गया है।

एक और मामला शिक्षा विभाग के बाबू शिव कुमार सोनी का है, जिन्हें जिला कार्यालय में जिला नाजिर के पद की जिम्मेदारी दी गई है। सामान्य प्रशासनिक परंपरा के अनुसार, यह दायित्व राजस्व विभाग के किसी सक्षम कर्मचारी को सौंपा जाना चाहिए था। इस निर्णय ने राजस्व विभाग की कार्यक्षमता और प्रशासनिक निर्णयों की पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।

इसके अतिरिक्त, शिकायत शाखा में भी दो ग्रेड-2 के बाबू पदस्थ हैं, जबकि अन्य शाखाओं में कर्मचारियों की कमी देखी जा रही है। यह पदस्थापन नीति में असंतुलन और पक्षपात की आशंका को बल देता है।

जब जिला कार्यालय में ही इस तरह की स्थिति है तो तहसीलों और अन्य अनुभागों में व्यवस्था की स्थिति सहज अनुमानित की जा सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *