रायपुर/ रायपुर दक्षिण के उपचुनाव में कम वोटिंग की वजह से नतीजों को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। चर्चा है कि इससे बीजेपी को नुकसान हो सकता है लेकिन छत्तीसगढ़ में हुए पिछले 6 उपचुनावों का ट्रेंड कुछ और ही कहता है। 7 फीसदी तक कम वोटिंग के बावजूद यहां उपचुनावों में सत्ता पक्ष को ही जीत मिली।
रायपुर दक्षिण उपचुनाव में केवल 50.50 प्रतिशत वोटिंग हुई है। ये वही सीट है, जहां 2023 के जनरल इलेक्शन में 61.73 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। 2023 के नतीजों में बीजेपी प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस के रामसुंदर दास महंत पर 68 हजार वोटों की सबसे बड़ी लीड ली थी।
बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद यहां उपचुनाव हुआ और 2023 के इलेक्शन से 11.23% कम वोटिंग हुई। कांग्रेस कम वोटिंग को सत्ता के खिलाफ बता रही है जबकि बीजेपी इस बात को लेकर आश्वस्त है कि चाहे जितनी भी कम वोटिंग हो नतीजे उनके ही पक्ष में आएंगे।