रायपुर। माघ पूर्णिमा से प्रारंभ हुए राजिम कुंभ कल्प मेला की भव्यता दिनों दिन बढ़ रही है। राजिम कुंभ का आयोजन माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक होता है। इसमें विराट संत-समागम का प्रारंभ रविवार 3 मार्च से होगा। वहीं धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के निर्देश पर राजिम मेला के संत समागम स्थल पर साधु-संतों, महामंडलेश्वरों, आचार्य महात्माओं के लिए विशाल डोम, स्विस कॉटेज, कुटिया तथा यज्ञ शाला का निर्माण किया गया है, जिसमें संत महात्माओं द्वारा विभिन्न प्रकार के यज्ञ अनुष्ठान को पूरी वैदिक रीतियों के साथ सम्पन्न कराया जाएगा। संत समागम के विशाल मंच से संतों के प्रवचन आशीष वचन के रूप में श्रद्धालुओं को सुनने का पुण्य प्राप्त होगा।
संत-समागम स्थल में प्रतिदिन होने वाले यज्ञ हवन के लिए विशाल यज्ञ शाला का निर्माण भी किया गया है। जहां राजिम कुंभ कल्प में पधारे संतों द्वारा नित्य प्रति वैदिक मंत्रोच्चारण से हवन किया जायेगा। रोजाना मुख्य मंच से शाम को संतो के उद्बोधन, धर्म संसद में चर्चा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के समुचित बैठक व्यवस्था भी की गई है। भगवान श्रीराम को समर्पित यह कुंभ कल्प श्री राम के प्रति आस्था और श्रद्धा का द्योतक है। इस लिहाज से माना जा सकता है कि संत समागम भी राममय होकर प्रभु श्रीराम की भक्ति में सराबोर होने का अवसर श्रद्धालुओं को मिलेगा।इस बार राजिम कुंभ में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद महाराज, अविमुक्तेश्वरानंद महाराज, सदानंद महाराज, पंडित प्रदीप मिश्रा, साध्वी ऋतंभरा दीदी, महामंडलेश्वर विशोकानंद भारती, डॉ. शिव स्वरूपानंद, रामकृष्णानंद, यतींद्रानंद, डॉ. रामेश्वर, पंडोखर सरकार जैसे बड़े-बड़े धर्म दिग्गज शामिल होंगे। गौरतलब है कि संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने इन धर्म गुरुओं को कुंभ में शामिल होने का न्योता भेजा है। जिस पर महात्माओं ने आने का आश्वान दिया है। धर्मगुरुओं के अलावा हरिद्वार, प्रयागराज, काशी, बनारस, मथुरा, वृंदावन, अयोध्या, अमरकंटक, चित्रकूट, उत्तराखंड से बड़ी संख्या में साधु-संतों की टोली राजिम कुंभ कल्प मेला में पहुंचेगी।
राजिम कुंभ कल्प में 3 मार्च से शुरू होने वाली संत समागम के आयोजन में भाग लेने के लिए संतों का राजिम पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। इन महात्माओं को यथा-स्थान निर्धारित जगह पर ठहराया जा रहा है। ज्ञात हो कि संत समागम में भाग लेने आने वाले संत महात्माओं के ठहरने का राज्य शासन द्वारा उचित प्रबंध किया गया है। अभी तक विभिन्न संप्रदाओं और अखाड़ों के संतो का आना शुरू हो गया है। जिनमें जनकपुरी महाराज, भोलागिरि महाराज, शीतल गिरि महाराज, नागा साधु के अलावा अन्य संत भी पहुंच चुके है। इसके साथ ही भोजन, पेयजल और शौचालय की सुविधा उपलब्ध करायी गई है।