कंगाली से बलात्कारी अब जेल की सलाखों में दिन गुजार रहे फलाहारी बाबा कौशलेन्द्र प्रपन्नाचार्य की संपत्ति हो राजसात

‘छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर, मुंगेली, कवर्धा एवं अन्य जिलों से भी करोड़ो के दान संपत्ति की हो जांच’

रायपुर। कथा सुनाकर जीविकापार्जन करने वाले फलाहारी महाराज के पास कुकर्मों के उजागर होने के बाद भी करोड़ों की संपत्ति है ये सारी संपत्ति कथा,धर्म के आड़ जुटाई संपत्ति है। अब लंबे समय से अपने कुकर्मों के पर्दाफाश होने के बाद जब बलात्कारी फलाहारी बाबा जेल में है तब आमजनमानस इनके द्वारा धर्म की आड़ में जुटाई अकूत संपत्ति को राजसात करने की मांग कर रहा है।

मालूम हो बाबा नब्बे के दशक में राजस्थान के अलवर में आये और अशोका टॉकीज के पास नारायणी धर्मशाला में रहने लगे। उस वक्त उनके पास कुछ नहीं था और कथा सुनाकर अपनी जीविकोपार्जन करते थे। फलाहारी महाराज अलवर में कई धर्मशालाओं में रहे और बैकुण्ठधाम में हवन एवं कथा का वाचन किया। किन्हीं कारणों से फलाहारी महाराज को अशोका टॉकीज के पास स्थित नारायाणी धर्मशाला से बेदखल कर दिया गया। इस दौरान फलहारी महाराज ने कई सभ्रान्त परिवारों से नाता जोड़ लिया। बाबा ने 1998 में काला कुआं के समीप 400 वर्ग गज जमीन लेकर अपना आश्रम बनाया। इसके बाद उसने पलटकर नहीं देखा। बाबा करोडों की सम्पत्ति का मालिक बन गया. बाबा ने अपने रसुखातों के चलते दक्षिण की तर्ज पर बैंकेटेश बालाजी का मंदिर बनवाया जिसमें करोडों रुपये खर्च हुए। बाबा के हर बडे नेता से अपने सम्पर्क रहे है। उसी का बाबा फायदा उठाते रहे। इतना ही नही बाबा के कर्मकांड उजागर होने के बाद बाबा ने अपनी ढ़ाढी बनवाई और भेष बदल कर एक नेता के साथ अस्पताल पहुंच गए थे।

उल्लेखनीय है कि फलाहारी महाराज के खिलाफ छत्तीसगढ़ की एक लॉ ग्रेजुएट छात्र द्वारा दुष्कर्म के प्रयास का मुकदमा बिलासपुर से दर्ज हो कर जांच के लिए अलवर राजस्थान पहुंचने के बाद बलात्कारी फलाहारी की गिरफ्तारी हुई थी।

यह भी मालूम हो छत्तीसगढ़ राज्य बिलासपुर की 21 वर्षीय युवती से रेप के आरोपों की जांच और मौका तस्दीक के दौरान पुलिस को कई अहम सबूत हाथ लगे थे।

युवती ने आश्रम के जिस कमरे में रेप का आरोप लगाया था वहां से महिलाओं के आभूषण बरामद हुए हैं। यह वही कमरा है जहां बाबा रहता था। यहां से पायजेब, अंगूठी आदि गहनों का मिलना संदेहास्पद है और युवती की तस्दीक के अनुसार उसका कुछ सामान भी वहां से बरामद किया गया था।

बाबा के कमरे से लैपटॉप, सीडियां हुई थी जब्त

बलात्कारी फलाहारी बाबा के कमरे से पुलिस ने एक लैपटॉप और कुछ सीडियां भी जब्त की थी। साथ ही आश्रम के सीसीटीवी पैनल की हार्ड डिस्क से भी जानकारी जुटाने के बाद पर्दाफाश कर जेल भेजने की कार्यवाही की गई थी।

मेडिकल छात्रा से रेप के आरोप में उम्रकैद की सजा पाने वाले वाला फलाहारी बाबा 28 वर्ष पूर्व बीवी को छोड़कर चला गया था। इस दौरान उसने कभी पलटकर घर की ओर देखा तक नहीं।

कौशलेन्द्र प्रपन्नाचार्य उर्फ फलाहारी बाबा मूलत: कौशाम्बी जिले के डकशरीरा गांव का रहने वाला है। वे तीन भाई हैं। मझला भाई रामनारायण ही गांव में रहता है। सबसे छोटा शिवबाबू भी साधु है। रामनारायण के मुताबिक करीब 90 के दशक में फलाहारी अपनी पत्नी सीता और उस वक्त दो साल की रही बेटी को छोड़कर घर से भाग गया था। काफी खोजबीन के बाद भी उसका कहीं कोई सुराग नहीं लगा। सितंबर 2017 में मेडिकल छात्रा ने उसपर यौन शोषण का आरोप लगाया।

राजस्थान में बनाया करोड़ों का साम्राज्य

फलाहारी बाबा लगभग 90 के दशक में घर छोड़कर राजस्थान पहुंचा। शुरूआती दौर में वह वहां अलवर स्थित नारायणी धर्मशाला में रहता था और कथा सुनाकर जीविकोपार्जन करता था। बाद में उसे नारायणी धर्मशाला से बेदखल कर दिया गया था। इसी बीच उसने कई संभ्रांत परिवारों और राजनेताओं से संपर्क बनाया। 1998 काला कुंआ (अलवर) के पास 400 वर्ग गज जमीन खरीदकर अपना आश्रम बनाया। इसके बाद फिर आगे ही बढ़ता गया। मौजूदा समय उसका राजस्थान में करोड़ों की संपत्ति है।

दक्षिण की तर्ज पर बनवाया मंदिर
मंझनपुर। बाबा ने दक्षिण भारत की तर्ज पर 1998 के बाद अलवर में वेेंकटेश बालाजी मंदिर का निर्माण कराया, जिसमें करोड़ों रुपये खर्च हुए। बाबा के राजस्थान में कई बड़े आश्रम, स्कूल और धर्मशालाएं भी हैं। आरोप लगने के बाद प्रापर्टी की जांच शुरू हो गई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *