मुंगेली / राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस के विशेष प्रथम वर्ष का प्रशिक्षण शिविर इस वर्ष मुंगेली के सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित किया जा रहा है। यह शिविर 23 मई से 7 जून तक चलेगा, जिसमें छत्तीसगढ़ के सभी जिलों से कुल 146 प्रशिक्षार्थी भाग ले रहे हैं। प्रशिक्षण शिविर का आयोजन संघ की मूलभूत सिद्धांतों और हिंदू संस्कृति को समझाने के उद्देश्य से किया गया है।
प्रशिक्षण शिविर में 48 कार्यकर्ता पूरे छत्तीसगढ़ से प्रबंध के लिए आए हैं, जबकि 22 विषय शिक्षक विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण देने के लिए उपस्थित हैं। शिविर में स्वयंसेवकों को हिंदू संस्कृति, स्वतंत्रता आंदोलन में स्वयंसेवकों की भूमिका, समाजसेवा, और राष्ट्रीयता के महत्वपूर्ण विषयों पर ज्ञान प्रदान किया जाता है।
प्रशिक्षण का कार्यक्रम प्रतिदिन सुबह 4:30 बजे प्रारंभ होता है और रात 10:15 बजे दीप निर्माण के साथ समाप्त होता है। सुबह और शाम की शाखाओं के माध्यम से शारीरिक प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके अंतर्गत विभिन्न शारीरिक गतिविधियों, योग, और खेलों का समावेश होता है। बौद्धिक प्रशिक्षण के लिए चर्चाएँ, संवाद, बौद्धिक और गीत के माध्यम से किया जाता है।
प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षार्थियों को विविध विषयों पर व्याख्यान दिए जाते हैं, जिसमें संघ के इतिहास, विचारधारा, और कार्यप्रणाली पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इसके साथ ही, उन्हें संघ के कार्य और देशभक्ति की भावना को मजबूत करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
शिविर में प्रमुख विषय शिक्षक और प्रशिक्षक अपने अनुभवों और ज्ञान को साझा करते हुए प्रशिक्षार्थियों को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। शिविर का उद्देश्य न केवल शारीरिक और बौद्धिक विकास करना है, बल्कि समाज और राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना को भी प्रबल बनाना है।
प्रशिक्षण शिविर के दौरान विभिन्न सत्रों में प्रशिक्षार्थियों को समूह में कार्य करने, नेतृत्व के गुणों को विकसित करने, और सामूहिक निर्णय लेने के कौशल सिखाए जाते हैं। शिविर के समापन पर प्रशिक्षार्थियों को दीक्षांत के बाद घर जा सकेंगे।
इस संघ शिक्षा वर्ग में सर्वाधिकारी राजनांदगांव विभाग के विभाग संघ चालक राजेश ताम्रकार है वर्ग कार्यवाह संजय पांडे जी और पालक अधिकारी गोपाल यादव के मार्गदर्शन में वर्ग सन्चालित हो रहा है।
संघ के इस विशेष प्रशिक्षण शिविर का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता और अखंडता को प्रोत्साहित करना है। शिविर के आयोजकों ने बताया कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों से स्वयंसेवकों में देशभक्ति और समाजसेवा की भावना को और मजबूत किया जा सकता है, जो राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।