बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह सरकार में डीजी रहे मुकेश गुप्ता के मामले में हाईकोर्ट ने लोक आयोग द्वारा की जा रही कार्रवाई पर रोक लगा दर्ज प्रकरण निरस्त करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता माणिक मेहता को नए सिरे से याचिका दायर करने की छूट भी दी है।
बता दें रायपुर निवासी मेहता ने गत 9 फरवरी 2015 को लोक आयोग, एसीबी और ईओडब्ल्यू में मुकेश गुप्ता के खिलाफ शिकायत दर्ज करा इसकी प्रति तत्कालीन मुख्यमंत्री को भी दी थी। लोक आयोग ने गुप्ता के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और पद के दुरुपयोग का मामला दर्ज किया था। शिकायत में कहा गया था कि मुकेश गुप्ता ने गरीब तबके के लोगो को चिकित्सीय सुविधा दिलाने के नाम पर अपने पद और प्रभाव का दुरूपयोग किया और छत्तीसगढ़ सरकार से तीन करोड़ रूपये का अनुदान हासिल किया। लेकिन अनुदान राशि से चिकित्सीय सुविधा के बजाय बैंक का कर्ज अदा करके वित्तीय अनियमितता की गई। साथ ही चेरिटेबल ट्रस्ट का संचालन निजी लाभ के लिए किया गया।
इस मामले में ईओडब्ल्यू ने प्रारंभिक जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर निलंबित आईपीएस अधिकारी मुकेश गुप्ता, एमजीएम के मुख्य ट्रस्टी जयदेव गुप्ता और डायरेक्टर डॉ दीपशिखा अग्रवाल के विरूद्ध भादवि की धारा 420, 406, 120 (बी) तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।