अपर जिला सत्र न्यायाधीश अशोक गुप्ता के न्यायालय मेहगांव ने मेहगांव में पदस्थ रहे तहसीलदार अशोक गोवड़िया (सेवानिवृत्त) और रीडर रामशरण यादव (सेवानिवृत्त)को तीन-तीन साल का कारावास की सजा सुनाते हुए तीन-तीन हजार रुपये का जुर्माना किया है। मामले में शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक देवेश शुक्ला ने की है।
श्री शुक्ला ने बताया कि वर्ष 2016 में अशोक गोवड़िया मेहगांव तहसीलदार के पद पर पदस्थ थे। रायसिंह पुत्र छोटेलाल निवासी मौरोली ने अपने पिता छोटेलाल की फर्जी वसीयत नामा बनाकर छोटेलाल के जीवनकाल में ही उन्हें मृत बताकर तहसीलदार के समक्ष फौती नामांतरण के लिए आवेदन पेश किया था। रायसिंह ने अपनी पत्नी गुड्डी बाई और समधी गंगासिंह को फर्जी वसीयतनामा पर साक्षी बनाया था। तहसीलदार अशोक गोवड़िया, रीडर बाबू रामशरण यादव के साथ षड़यंत्र कर अपने भाई के हिस्से की जमीन हड़पने के लिए नामांतरण का आदेश पारित कर लिया था। मेहगांव थाना पुलिस ने फरियादी की रिपोर्ट पर तहसीलदार अशोक गोवड़िया, रीडर रामशरण यादव, रायसिंह पुत्र छोटेलाल कुशवाह, निवासी मोरोली ,गुड्डीबाई पत्नी रायसिंह एवं गंगासिंह पुत्र जयश्रीराम निवासी सोनी के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया था। अपर सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार गुप्ता के न्यायालय ने सुनवाई के बाद तहसीदार अशोक गोवड़िया, रीडर रामशरण यादव को तीन-तीन साल की सजा और तीन-तीन हजार रुपये का जुर्माना किया है। जबकि आरोपित रायसिंह कुशवाह ,गुड्डीबाई निवासी मौरोली और गंगासिंह को भी तीन-तीन साल की सजा और दस-दस हजार रुपये का जुर्माना किया है।