रायपुर। मुख्य सचिव अमिताभ जैन की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में राज्य सड़क सुरक्षा परिदृश्य की बैठक संपन्न हुई। बैठक में दुर्घटना जन्य सड़क खण्डों, अभियांत्रिकी सुधार, सड़क दुर्घटनाओं में घायलों के त्वरित उपचार की व्यवस्था एवं त्वरित सहायता, यातायात शिक्षा, सड़क सुरक्षा जागरूकता, प्रवर्तन की कार्यवाही, सड़क सुरक्षा ऑडिट सहित सड़क दुर्घटनाओं के नियंत्रण के उपायों के संबंध में मुख्य सचिव ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।बैठक में सचिव परिवहन एस. प्रकाश ने मुख्य सचिव सहित समस्त अधिकारियों का स्वागत करते हुए राज्य के सड़क सुरक्षा परिदृश्य पर प्रकाश डाला। बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में 15 जनवरी से 15 फरवरी तक सड़क सुरक्षा माह मनाया जाएगा। इस दौरान स्कूलों एवं अन्य संस्थानों में सड़क सुरक्षा के संबंध में जनजागरूकता के लिए विविध कार्यक्रम आयोजित होंगे।अंतर्विभागीय लीड एजेंसी सड़क सुरक्षा के अध्यक्ष संजय शर्मा ने विभिन्न विभागों के सड़क सुरक्षा संबंधी कार्यों का विश्लेषण प्रतिवेदित करते हुए अवगत कराया कि वर्ष 2023 में बीते वर्ष की तुलना में सड़क दुर्घटनाओं में 1.33 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जिला रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा, दुर्ग, महासमुंद, बलौदाबाजार में राज्य की लगभग 49 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं घटित हुई है। जिला सड़क सुरक्षा समितियों की 66 बैठकों में सड़क सुरक्षा उपायों के बारे में विमर्श किया गया है। राज्य में कुल 11 हजार 895 जन जागरूकता कार्यक्रम हुए। पुलिस विभाग द्वारा कुल 5,41,407 प्रकरणों में चालानी कार्यवाही कर 22 करोड़ 64 लाख 48 हजार रूपए समन शुल्क वसूल किए गए। 57 ब्लैक स्पॉटस, 2,117 जंक्शन का सुधार किया गया। 31 ट्रक ले-बाय 341 बस ले-बाय एवं 07 ड्रायवर रेस्ट एरिया सहित प्रमुख स्थानों में लगाए गए संकेतकों की जानकारी दी।स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव ने कहा कि पूर्व के 7 ट्रामा सेंटर्स के अतिरिक्त 2 रायपुर एवं सिमगा के ट्रामा स्टेब्लाईजेशन सेंटर प्रारंभ हो गए हैं। शेष 6 पूर्णता की ओर है। सचिव शिक्षा ने अवगत कराया कि कक्षा पहली से 10 वीं तक तैयार पाठयक्रमों में सड़क सुरक्षा एवं यातायात शिक्षा की पाठ्य सामग्रियों का परिमार्जन का कार्य राज्य शैक्षणिक एवं अनुसंधान परिषद द्वारा किया जा चुका है।सचिव परिवहन ने जानकारी दी कि इंस्टीट्यूट ऑफ ड्रायविंग एण्ड ट्रैफिक रिसर्च में कुल 17,282 वाहन चालकों एवं 700 से अधिक प्रर्वतन अधिकारियों तथा दिसम्बर माह में 200 से अधिक स्कूल बस चालकों को प्रशिक्षण दिया गया हैं। यातायात नियमों के उल्लंघन कर्ताओं को चलानी कार्यवाही के अलावा प्रशिक्षण लेना अनिवार्य होगा। छत्तीसगढ़ का पहला स्वचालित ड्रायविंग टेस्टिंग ट्रैक तैयार कर लिया गया है, जिसमें कैमरा और सेंसर सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए वाहन चालक को परीक्षण देना होगा और निर्धारित मापदंडों एवं समयावधि का पालन करने पर ही ड्रायविंग की दक्षता माप कर लायसेंस जारी होगा। परिवहन विभाग द्वारा गत वर्ष 8,47,006 प्रकरणों मे 161 करोड़ 28 लाख 93 हजार 906 रूपये शमन शुल्क वसूल किए गए।नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा 21,886 साइन बोर्ड, 3810 अतिक्रमण हटाये गये।मुख्य सचिव जैन ने कहा कि ब्लैक स्पॉट सुधार के लिए रणनीति बनाए जाए। समस्त संभागायुक्त एवं पुलिस महानिरीक्षक गण अपने क्षेत्राधिकार के जिलों में सड़क सुरक्षा की गतिविधियों की नियमित मॉनिटरिंग करें। समस्त संबंधित विभागों द्वारा सड़क सुरक्षा संबंधी अद्यतन जानकारी लीड एजेंसी के पोर्टल में अपलोड किया जाए। जिला सड़क सुरक्षा समिति की नियमित बैठक कर सड़क सुरक्षा उपायों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। दो पहिया एवं चार पहिया वाहन चलाने हेतु ड्रायविंग लायसेंस बनाने की प्रक्रिया क्या और कैसी है इस पर शॉर्ट फिल्म बनाया जाकर स्कूली बच्चों को दिखाया जाए। जी.पी.एस. ट्रैकिंग से संबंधित एवं ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटर में फिटनेस की प्रक्रिया की शॉर्ट फिल्म बनाकर, ए.एन.पी.आर. कैमरा मे कैद होने वाले नियमों के उल्लंघन या अपूर्ण दस्तावेज वाले वाहनों को भेजे जाने वाले ई-चालान की प्रक्रिया का भी शार्ट फिल्म बनाकर प्रचार प्रसार किया जाए।
बैठक में लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, सचिव स्कूल शिक्षा श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, सचिव परिवहन एस.प्रकाश, पुलिस, स्वास्थ्य, लोक निर्माण, शिक्षा, नगरीय प्रशासन एवं विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, पशुपालन, राष्ट्रीय राजमार्ग सहित विभिन्न विभागो के सचिवों सहित वरिष्ठ अधिकारी तथा समस्त संभागायुक्त एवं रेंज पुलिस महानिरीक्षक शामिल हुए।