SECL: बलगी सेंट्रल वर्कशॉप में कबाड़ चोरों ने फोड़ी आंख,एक दर्जन से अधिक लोगों ने दिया वारदात को अंजाम

कोरबा-बांकीमोंगरा। एसईसीएल कोरबा क्षेत्र अंतर्गत संचालित बलगी परियोजना के वर्कशाप की सुरक्षा में तैनात कर्मियों से बुरी तरह मारपीट की गई। एक कर्मी की आंख फूट गई है। गंभीर हालत में उसे अपोलो रेफर कर दिया गया है व अन्य कर्मियों का उपचार जारी है।

इस मामले में एसईसीएल बलगी वर्कशाप के सुरक्षा प्रहरी रोहित कुमार ने रिपोर्ट दर्ज कराया है कि 5 जनवरी को शाम वह स्वयं व अन्य सुरक्षाकर्मी केशव प्रसाद केंवट, गनपत राम यादव, मोहन लाल जायसवाल, हरनाम सिंह कंवर, दुबराज सिंह के साथ ड्यूटी पर तैनात था। उसी समय कपाटमुड़ा गांव की तरफ बाउंड्री के बाहर कुछ लोगों की आवाज आने पर वाचिंग टॉवर पर चढक़र देखने पर 3-4 व्यक्ति बाहर दिखे। उनसे कुछ दूरी पर 7-8 व्यक्ति भी खड़े थे जिन्हें यहां पर क्यों घूम रहे हो कहने पर चारों व्यक्ति मिलकर गाली गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी देकर हाथ-मुक्का, डंडा तथा गुलेल से उसे तथा ड्यूटी पर तैनात अन्य सुरक्षाकर्मी केशव प्रसाद केंवट, गनपत राम यादव, मोहन लाल जायसवाल, हरनाम सिंह कंवर, दुबराज सिंह के साथ मारपीट किये। मारपीट के कारण चेहरा,पीठ, सिर में चोट लगा है। हरनाम सिंह कंवर के दाहिना आंख में गंभीर चोट लगा है जिसे ईलाज हेतु अपोलो अस्पताल बिलासपुर रिफर किया गया है। बांकीमोंगरा थाना प्रभारी चमन लाल सिन्हा ने बताया कि मामले में आरोपियों के विरूद्ध धारा 294, 323, 324, 506, 34 भादवि के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना की जा रही है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि आरोपीगण बलगी वर्कशॉप में किस नीयत से गए थे। बहरहाल स्थानीय सूत्रों के मुताबिक हमलावर कबाड़ चोर बताए जा रहे हैं जो यहां कबाड़ चोरी की नीयत से गए थे और इससे पहले ही सुरक्षा कर्मियों की नजर में आ गए।

कोरिया में भी हुई थी घटना

एसईसीएल के जनसंपर्क अधिकारी शनिश कुमार का कहना है कि बलगी वर्कशाप में हुई घटना चिंता का विषय है। कबाड़ चोरों के हमले से एसईसीएल के सुरक्षा कर्मी ने अपनी एक आंख की रौशनी खो दी है। कोरिया जिले में पिछले नवंबर माह में चर्चा खदान में भी इस तरह की घटना हुई थी। इस तरह की घटनाओं से सुरक्षा कर्मियों का मनोबल गिर रहा है।

मूलत: सुरक्षा कर्मी नहीं, व्यवस्था में लापरवाही

बलगी के वर्कशॉप में मूल रूप से सुरक्षा कर्मियों की ड्यूटी नहीं लगाई गई थी बल्कि सुरक्षा में वे कर्मचारी कार्यरत थे जो खदान के अंदर नहीं जा सकते और व्यवस्था के तहत अपनी ड्यूटी गार्ड के रूप में कर रहे थे। वर्दी वालों को हटाकर कर्मचारियों को गार्ड के रूप में रखना खदान प्रबंधक की घोर लापरवाही को उजागर करता है। सब एरिया सुराकछार में कोई सुरक्षा निरीक्षक कार्यरत नहीं है।

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