लखनऊ। बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने बड़ा फैसला लेते हुए भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद से हटा दिया। साथ ही उन्हें अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाने का निर्णय भी वापस ले लिया है।
आखिर भतीजे आकाश आनंद से क्यों नाराज हुईं मायावती
28 अप्रैल को सीतापुर की रैली में आकाश आनंद ने जनता को संबोधित किया था। माना जा रहा है कि यहां उनकी कही बातें बहनजी को जरा भी पसंद नहीं आईं और उनके सब्र का बांध टूट गया।
आनंद ने इस रैली में ‘बहुजन समाज को बहकाकर वोट मांगने के लिए आने वालों को जूता मारकर भगाने’ जैसी बातें कही थीं। इस बीच आकाश ने राम मंदिर के दर्शन न करने से लेकर पार्टी की नीतियों के संबंध में जिस तरह मीडिया में अपनी बात रखी, उससे भी मायावती खुश नहीं थीं।
वैसे मायावती की ओर से आकाश आनंद को पहले भी चेताया गया था। 6 अप्रैल से उत्तर प्रदेश में चुनावी जनसभाएं कर रहे आकाश अपने भाषण में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे, उससे मायावती असहज महसूस कर रही थीं।
बताया जाता है कि आकाश को भाषा में संयम बरतने के लिए कहा भी गया, लेकिन वह नहीं रुके। इसके बाद सीतापुर की रैली में आकाश ने प्रदेश सरकार को गद्दारों और आतंकवादियों की सरकार बताने से लेकर जूता मारने जैसी भाषा का इस्तेमाल किया।