बिलासपुर/ छत्तीसगढ़ की जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों की बदहाल स्थिति को लेकर जनहित याचिका पर राज्य शासन ने जवाब दिया है। जिसमें बताया कि कैदियों के लिए रायपुर, बिलासपुर में स्पेशल और बेमेतरा में ओपन जेल की व्यवस्था की जा रही है। सरकार ने जेलों की अव्यवस्था में सुधार करने की भी जानकारी दी। अब मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।
दरअसल, प्रदेश की जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों को अमानवीय तरीके से रखा गया है। जिस कारण जेलों में कैदियों को अव्यवस्था का सामना करना पड़ता है। उनकी हालात बदतर हो गई है। इसे लेकर एडवोकेट शिवराज सिंह ने जनहित याचिका दायर की है। वहीं, जेलों की अव्यवस्था को लेकर पत्र याचिका को भी हाईकोर्ट ने जनहित याचिका माना है। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में दोनों केस की एक साथ सुनवाई चल रही है।
शासन के जवाब पर हाईकोर्ट ने जताई थी असंतुष्टि
पूर्व में सुनवाई के दौरान राज्य शासन की तरफ से प्रदेश की जेलों की अव्यवस्था में सुधार और जेल में बंद कैदियों की संख्यात्मक जानकारी दी गई थी। जिस पर कोर्ट ने असंतुष्टि जताई थी। कहा था कि राज्य शासन प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर जेलों की स्थिति को देखकर समीक्षा करे।
साथ ही यह देखने के लिए कहा था कि किस जेल में बंदियों को किस तरह की परेशानी है। विशेषकर लंबी सजा काट रहे बंदियों की स्थिति को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने के लिए कहा था।
कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट, शासन ने कहा- ओपन जेल पर हो रहा काम
हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट रणवीर सिंह मरहास को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था। उन्हें जेलों का निरीक्षण कर कैदियों की स्थिति और उनकी सुविधाओं पर किए जाने वाले उपायों पर सुझाव प्रस्तुत करने के लिए था। जिसके बाद उन्होंने महाराष्ट्र, राजस्थान व हिमाचल प्रदेश की तरह छत्तीसगढ़ में भी ओपन जेल की व्यवस्था बनाने के लिए सुझाव दिए थे।
सुनवाई के दौरान राज्य शासन ने बताया कि, कोर्ट कमिश्नर के सुझाव से पहले ही राज्य शासन ने ओपन जेल की स्थापना पर काम शुरू कर दिया है। रायपुर-बिलासपुर में स्पेशल जेल और बेमेतरा में ओपन जेल बनाने पर काम तेजी से चल रहा है।