रायपुर(छत्तीसगढ़)। राजधानी रायपुर पं. दीनदयाल उपाध्याय आडिटोरियम में 28 से 30 जनवरी तक आयोजित राज्य स्तरीय युवा महोत्सव के दूसरे दिन शास्त्री बांसुरी वादन विधा का मनमोहक प्रदर्शन किया गया। 15 से 40 आयु वर्ग में तीन प्रतिभागी एवं 40 से अधिक आयु वर्ग में 5 प्रतिभागियों ने प्रस्तुति दी। प्रतिभागियों ने विभिन्न रागों में अपनी प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति में के.रोहन नायडू व संतोष चंद्राकर निर्णायक की भूमिका में थे। प्रतियोगिता में 15 से 40 आयु वर्ग में बस्तर संभाग के राहुल रायकवार को प्रथम, रमन टाक रायपुर संभाग को द्वितीय व सेभ्य कुमार बिलासपुर संभाग को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। इसी क्रम में 40 से अधिक आयु वर्ग में श्री पुस्पेंद्र कोसरिया सरगुजा संभाग को प्रथम, साखू राम खैरवार बिलासपुर संभाग को द्वितीय व मोती लाल भीमटे दुर्ग संभाग को तृतीय स्थान मिला। इस आयु वर्ग में रायपुर संभाग के गोविन्द प्रसाद वर्मा और बस्तर संभाग के कमलेश यादव से भी अपनी-अपनी प्रस्तुतियां दी।
युवा महोत्सव में फुगड़ी प्रतियोगिता
राज्यस्तरीय युवा महोत्सव में फुगड़ी प्रतियोगिता में 15 से 40 आयु वर्ग (पुरुष) में दुर्ग ने बाजी मारी , दूसरे और तीसरे स्थान पर क्रमश रायपुर और सरगुजा संभाग के खिलाड़ी रहे। इसी तरह 15 से 40 आयु वर्ग (महिला) में रायपुर ने प्रथम दुर्ग ने द्वितीय और सरगुजा संभाग ने तृतीय स्थान हासिल किया
राज्य स्तरीय युवा महोत्सव : सुआ नृत्य
सुआ नृत्य प्रतियोगिता में चौथी प्रस्तुति रायपुर संभाग के धमतरी जिले से आए नृत्य दल द्वारा।
सुआ नृत्य प्रतियोगिता में दूसरी प्रस्तुति बस्तर संभाग के कोंडागांव जिले से आए नृत्य दल द्वारा।दल की महिलाएं हरे रंग की साड़ी एवं सुआ नृत्य की पारंपरिक वेशभूषा में हैं। सभी ने करधन, बहुंठा, सिक्का माला, बेनिफूल से श्रृंगार किया है। इस दल ने सुआ नृत्य के माध्यम से गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा का संदेश दिया।
दल की महिलाएं गुलाबी रंग की साड़ी एवं सुआ नृत्य की पारंपरिक वेशभूषा में हैं। सभी सदस्यों ने करधन, बहुंठा, चूड़ी, सिक्का माला एवं सांटी से श्रृंगार किया है। सुआ नृत्य प्रतियोगिता में तीसरी प्रस्तुति बिलासपुर संभाग के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले से आए नृत्य दल द्वारा। दल की महिलाएं नीले रंग की साड़ी एवं सुआ नृत्य की पारंपरिक वेशभूषा में हैं।
राज्य स्तरीय युवा महोत्सव के दूसरे दिन रविशंकर विश्वविद्यालय खेल परिसर में विभिन्न खेल प्रतियोताओं में छत्तीसगढ़ की गेड़ी दौड़ का एक अलग ही उत्साह खिलाड़ियों में देखने को मिल रहा है। पांचों संभाग से आए महिला पुरुष खिलाड़ियों ने 15 से 40 आयु वर्ग में शानदार प्रदर्शन किया।
राज्यस्तरीय युवा महोत्सव में भौंरा प्रतियोगिता में 15 से 40 आयु वर्ग (पुरुष) में रायपुर ने बाजी मारी ! दूसरे और तीसरे स्थान पर क्रमश दुर्ग और बिलासपुर संभाग के खिलाड़ी रहे। इसी तरह 15 से 40 आयु वर्ग (महिला) में रायपुर ने प्रथम बिलासपुर ने द्वितीय और सरगुजा संभाग ने तृतीय स्थान हासिल किया। राज्यस्तरीय युवा महोत्सव में भौंरा प्रतियोगिता में 40 से अधिक आयु वर्ग (पुरुष) में दुर्ग ने बाजी मारी ! दूसरे और तीसरे स्थान पर क्रमश बिलासपुर और रायपुर संभाग के खिलाड़ी रहे। इसी तरह 40 से अधिक आयु वर्ग (महिला) में रायपुर ने प्रथम बिलासपुर ने द्वितीय और बस्तर संभाग ने तृतीय स्थान हासिल किया
राज्य सरकार के इस आयोजन से खुश नजर आई गेड़ी दौड़ की विनर कौशल्या पटेल जो रायपुर संभाग का नेतृत्व कर रही थी।
महिलाओं को रसोई से निकालकर खेल के मैदान पहुंचने का मिला अवसर
राज्य युवा महोत्सव में दूसरे दिन रविशंकर विश्वविद्यालय खेल परिसर में आयोजित विभिन्न खेलों के साथ महिला एवं पुरुष खिलाड़ियों ने अपने शानदार गेड़ी दौड़ का प्रदर्शन किया।
गेड़ी दौड़ में शामिल होने बिलासपुर संभाग के जांजगीर चांपा जिले के अकलतरा ब्लॉक ग्राम मुरलीडीह से आई सावित्री कश्यप ने गेड़ी दौड़ में शामिल होने अपने गांव से रायपुर आने तक के सफर को साझा करते हुए बताया कि वे प्रदेश की राजधानी रायपुर आकर बेहद खुश है। राज्य सरकार ने रसोई से निकालकर उन्हें ग्राउंड तक पहुंचने का अवसर दिया। उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि 40 से अधिक उम्र में उन्हें गेड़ी दौड़ने का मौका मिलेगा। बचपन में कभी मायके में गेड़ी दौड़ती थी उसके बाद ससुराल में दो बच्चों के बाद अब गेड़ी दौड़ने का अवसर मिला।
सावित्री कश्यप यह पूछने पर कि उन्हें यहां आकर कैसा लग रहा है इसके जवाब में वे कहती हैं मैं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हूं राज्य सरकार के छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल में फुगड़ी में पूरे राज्य में बिलासपुर संभाग से प्रथम रही है। इससे उनका हौसला बढ़ा है और वे इसलिए गेड़ी में अपना दूसरा मौका खोना नहीं चाहती थी। हालांकि वे गेड़ी में बिलासपुर संभाग से दूसरे स्थान पर रही। ये बताती है कि यहां से जाकर मैं अपने गांव में वहां के अपने सहयोगी महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बताऊंगी कि राज्य सरकार ने राज्य युवा महोत्सव के माध्यम से हम सबको अपने जीवन का एक नया सपना दिखाया है।
एकांकी नाट्कों में सामाजिक समस्याओं पर प्रभावी प्रस्तुति,दर्शकों से मिली खूब सराहना
राज्य स्तरीय युवा महोत्सव के दूसरे दिन राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में एकांकी नाटक का मंचन किया गया। जिसमें ज्वंलत समस्याओं जैसे पर्यावरण संरक्षण, महिला साक्षरता, सामाजिक बुराईयों का चित्रण कर समाज को इन बुराईयों से निजात दिलाने का संदेश दिया गया। एकांकी नाटक में सभी संभागों के 15 वर्ष से 40 वर्ष आयु वर्ग के कलाकारों ने हिस्सा लिया।
एकांकी नाट्क में सर्वप्रथम रायपुर संभाग के धमतरी जिला के कलाकारों के द्वारा खोज शीर्षक से अपनी प्रस्तुति दी गई। जिसमें महात्मा बुद्ध के सिद्धांतों पर आधारित नाटक का मंचन किया गया। कांकेर जिला के कलाकारों द्वारा छत्तीसगढ़ी भाषा मे एकांकी ’हाय रे मोबाइल’ छत्तीसगढ़ी भाखा नंदावत है’’ की प्रस्तुति दी गई, जिसमें आज के युवा मोबाइल पर घंटों समय व्यतीत करते है। उनको मना करने पर गुस्सा होते है। यह छत्तीसगढ़ ही नहीं हर जगह होना आम बात हो गई है। इस पर प्रभावी प्रस्तुति को दर्शकों ने सराहा।
खैरागढ़ जिला ने ’कौन गलत’ शीर्षक से प्रस्तुति दी, जिसमें नारी पर होने वाले अत्याचारों को रोकने का संदेश दिया गया।
मुंगेली जिला द्वारा ’’शिक्षित बालिका-सशक्त नारी’’ थीम पर एकांकी प्रस्तुति की गई, जिसमें बालिका शिक्षा और दहेज की सामाजिक बुराई का चित्रण किया गया। सरगुजा जिला के युवाओं के द्वारा मानव विकास और पर्यावरण थीम पर एकांकी प्रस्तुति की गई। एकाकी के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया।