विलासपुर/उसलापुर।प्रजापिता ब्रह्माकुमारी, ओम शांति सरोवर, उस्लापुर में आयोजित ‘बाल व्यक्तित्व विकास शिविर’ समर कैम्प में बच्चों के दांतों का फ्री चेकअप डॉ. प्रमिला अमलतास (Pedodontist Dentist) ने किया। जिसमें बच्चों को दांतों की देखभाल करने व ब्रश करने का सही तरीका सिखाया।






उन्होंने कहा कि हमें दो बार ब्रश करना चहिए 1. सुबह उठ कर और 2. रात को सोने से पहले। दांतों में ब्रश 1 मिनट ही करे ज्यादा देर नहीं। चॉकलेट या कुछ भी खाने के बाद कुल्ला जरूर करना चाहिए। मीठी चीजें , जंक फूड बहुत कम खाना चाहिए।
दातों को स्वस्थ व मजबूत रखने के लिए फ्रूट, सलाद ज्यादा खाना चाहिए। उन्होंने एक एक बच्चे के दांतों का फ्री चेकअप किया और जिन बच्चों के दांत सड़े हुए थे उनको आगे की ट्रीटमेंट लेने की सलाह दी।
बी के छाया दीदी ने सभी को 11 मई मदर डे पर बहुत ही सुंदर मां की पेंटिंग बनाना सिखाया। और उन्होंने मां की विशेषता बताते हुए कहा की मां अपने सभी बच्चों को एक समान प्यार करती है। अपने बच्चों के लिए हर कष्ट सहन करती है रोज अपने बच्चों के लिए दिन रात दुआएं करती रहती है।
सारा दिन कितना ध्यान रखती है अपने बच्चों का, परिवार का। हमारी मम्मी या मां निस्वार्थ दिन रात सेवा करती है उसके बदले में उसे कोई फीस भी नहीं मिलती और ना वह फीस मांगती है। अपने परिवार और बच्चों की खुशी में ही अपनी खुशी समझती है। मां ही बच्चों के अच्छे संस्कारों को बना कर उसे नया अच्छा संसार देती है।
मां के प्यार को पाने के लिए हमें मां का बहुत आज्ञाकारी बनना है उनके दिल को हमेशा खुश रखना है। मां की दुआ हमारी सदा रक्षा करती, हमे जीवन में सफल बनाती है। मां की गोद में है ठंडी छांव जो जीवन की धूप व कष्ट से हमे बचाती।
हम सब की 5 मां होती है 1. हमे इस दुनिया में जन्म देने वाली, हमे प्यार, पालना व शिक्षा देने वाली हमारी प्यारी मम्मी , 2. प्रकृति मां जो हमें अन्न धन व 5 तत्वों के सहयोग से अपनी गोद में पालती है, जिसमे हमारी मातृ भूमि भारत माता, 3. मां है परमात्मा। इस शब्द के अंत में भी मां है यू तो हमारी आत्मा के सबसे पहले मात पिता बन ज्ञान से नए जन्म की पालना देते है और हमारे सारे कष्ट हर लेते है।

4. हमारी आध्यात्मिक जीवन में पालना देने वाली जगदंबा मां 5. और हर नारी का स्वरूप मां का ही रूप अतः हर नारी का सम्मान मां का सम्मान है।
बी के खुशी बहन ने दृढ़ता के विषय में बताते हुए कहा कि संकल्प तो सभी करते हैं लेकिन सफलता उन्हीं को प्राप्त होती है जिनके संकल्पों में दृढ़ता होती है। दृढ़ता अर्थात जब आप किसी चीज को हासिल करने के लिए खुद से वादा करते हैं, तो आप उस लक्ष्य तक पहुँचने के लिए अपना शत् प्रतिशत दांव पर लगा देते हैं।
दृढ़ संकल्प होगा तो कैसी भी परिस्थिति में हम आगे बढ़ सकते हैं। संकल्पों में दृढ़ता लाने के लिए जो संकल्प हम करते हैं उसे कार्यांवित् करना है, कभी भी हार नही मानना चाहिए। जो संकल्प हम करते हैं उस लक्ष्य तक पहुँचने के लिए उसका मनोचित्रण करना है। उस दृश्य को सामने लाने से हमारे संकल्पों में दृढ़ता आती है और लक्ष्य समीप आता जाता है।
दृढ़ संकल्प में सकारात्मकता होती है इसलिए दृढ़ संकल्प से आत्म विश्वास बढ़ता है, कार्य करने की क्षमता बढ़ती है। दृढ़ संकल्प वाला सभी कार्यों में कुशल बन जाता है। दृढ़ संकल्प वाले अपनी दिनचर्या में रेगुलर, एक्युरेट होते है। जिसके कारण जीवन में सफलता प्राप्त होती है। दृढ़ता के आधार से स्वयं को, दूसरों को और प्रकृति को भी परिवर्तन कर सकते हैं। अंत में बच्चों को मेडिटेशन भी कराया गया। श्री मति शानू भट्ट बहन (श्री डांस अकैडमी) अपने बच्चों को डांस भी सिखाया।
बी के कृष्णा बहन ने पेपर क्राफ्ट सिखाया। बी के गरिमा बहन ने बच्चों को एरोबिक डांस कराया। खुशी बहन ने प्रणायाम में अनुलोम विलोम, कपाल भारती, योगासन में ताडासन, तितली आसान आदि कराया।