4254 लड़कियों को यशस्वी छात्रवृत्ति, बेटियों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्धः शालू जिन्दल

पहले दो चरणों को मिलाकर 10 हजार से अधिक लड़कियों और महिलाओं को छात्रवृत्ति रायपुर : जाने-माने उद्योगपति  नवीन जिन्दल के नेतृत्व वाली कंपनी जिन्दल स्टील एंड पावर की समाज सेवा शाखा जेएसपी फाउंडेशन की चेयरपर्सन  शालू जिन्दल ने यशस्वी कार्यक्रम के तीसरे चरण का उद्घाटन करते हुए कहा कि वे बेटियों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस चरण में ओडिशा, झारखंड और छत्तीसगढ़ की 4254 लड़कियों और महिलाओं का चयन यशस्वी छात्रवृत्ति योजना में किया गया है। यह छात्रवृत्ति सामाजिक-आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की लड़कियों और महिलाओं को उच्च शिक्षा और कौशल विकास प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए प्रदान की जाती है।जेएसपी फाउंडेशन की सलाहकार और यशस्वी कार्यक्रम की मुख्य सूत्रधार सुश्री यशस्विनी जिन्दल ने व्यक्तिगत रूप से इस कार्यक्रम में भाग लेकर चयनित लड़कियों और महिलाओं को बधाई दी और उनकी सफलता की कामना की।जेएसपी के रायगढ़, अंगुल, पतरातू, बड़बिल, टेंसा, कसिया और जेपीएल-तमनार समेत समस्त विभिन्न व्यावसायिक स्थलों पर आयोजित कार्यक्रम को शुक्रवार की शाम ऑनलाइन संबोधित करते हुए शालू जिन्दल ने कहा, “ जेएसपी फाउंडेशन समाज में सबको समान अवसर प्रदान करने और महिला-पुरुष में भेदभाव खत्म कर समानता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। यशस्वी कार्यक्रम के माध्यम से हम लड़कियों और महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए उनके पसंदीदा क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने का अवसर प्रदान कर रहे हैं ताकि उनके जीवन में आए हुए बदलाव से हमारा समाज प्रेरित हो। श्रीमती जिन्दल ने यशस्वी छात्रवृत्ति के लिए चयनित सभी अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए उनकी सफलता की कामना की। उन्होंने कहा, “मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि पिछले दो चरणों में अनेक बेटियों ने प्रशिक्षण पूरा कर या उच्च शिक्षा प्राप्त कर सफलतापूर्वक रोजगार प्राप्त किया और अपने सपने साकार किये। मुझे विश्वास है कि कार्यक्रम का तीसरा चरण अपेक्षाकृत अधिक महिलाओं और लड़कियों के जीवन में बदलाव लाएगा और उनके व्यक्तिगत और व्यावसायिक सपनों को पूरा करेगा।”गौरतलब है कि यशस्वी के लिए 8914 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड के 81 जिलों के 4254 का चयन किया गया, जिनमें 3430 नए नाम हैं। 824 अभ्यर्थियों की पात्रता का नवीकरण किया गया है। इनमें 1807 अभ्यर्थी 12वीं से लेकर पीएचडी की पढ़ाई कर रही हैं, जिनमें इंजीनियरिंग, मेडिकल, विज्ञान, नर्सिंग, प्रबंधन, फार्मेसी, मनोचिकित्सा, समाज विज्ञान और मुख्यधारा के विषयों की विद्यार्थी हैं। इसी तरह 3430 अभ्यर्थी, कंप्यूटर ऑपरेटर और प्रोग्रामिंग असिस्टेंट, सिलाई-कढ़ाई, खुदरा कारोबार, फ्रंट ऑफिस मैनेजमेंट, डाटा एंट्री, ब्यूटी थेरैपी, मेडिकल तकनीक समेत अनेक कौशल विकास कार्यक्रम का प्रशिक्षण ले रही हैं।छात्रवृत्ति के लिए चयनित अभ्यर्थियों को अपनी पसंद के संस्थानों या कॉलेजों में व्यावसायिक या सामान्य धाराओं में पढ़ाई को आगे बढ़ाने के लिए ट्यूशन फीस और अन्य संबंधित शुल्क के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। फाउंडेशन वित्तीय सहायता की राशि सीधे उन संस्थानों को भेजेगा, जहां उन्होंने दाखिला लिया है। चयनित छात्राओं को देशभर की 250 विश्वसनीय संस्थाओं में पढ़ाई का अवसर मिलेगा। चयनित 4254 छात्राओं में 2689 ओडिशा, 934 छत्तीसगढ़ और 631 झारखंड की हैं।यशस्विनी कार्यक्रम की शुरुआत 2022 में हुई थी, जिसका लाभ 10 हजार उन बेटियों को मिल रहा है, जो अपनी पढ़ाई आगे बढ़ाने में पैसे की कमी महसूस कर रही थीं। यह छात्रवृत्ति आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को उनकी शैक्षिक योग्यता के आधार पर प्रदान की जाती है।इस अवसर पर ग्रुप सीएसआर हेड प्रशांत कुमार होता, जेएसपी अंगुल के ईडी  पंकज मल्हान, बड़बिल के यूनिट हेड  पुरुषोत्तम एम.डी., रायगढ़ के सीएफओ  हनुमान शर्मा, पतरातू के यूनिट हेड  आशीष जैन, जेपीएल-तमनार के यूनिट हेड  छविनाथ सिंह और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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