◆ महापौर ने एसएसपी से की जांच की मांग
◆ ईडी के छापे कांग्रेस अधिवेशन में बाधा डालने और कांग्रेस की छवि धूमिल करने के लिए
◆ कोयला परिवहन की अवैध लेवी वसूली में आया अडानी का नाम
रायपुर। छत्तीसगढ़ में हो रहे कोयला परिवहन में अवैध लेवी की वसूली से जुड़े घोटाले में पहली बार अडानी समूह का नाम आया है। रायपुर के महापौर एजाज ढेबर ने रायपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से इसकी लिखित शिकायत की है। इस मामले में तमाम तथ्यों और गवाहों के बयान के बाद भी केंद्र सरकार और ईडी अडानी समूह पर कार्यवाही नहीं कर रही है। इस मामले में कांग्रेस के नेताओं को फंसाया जा रहा है। महापौर ढेबर ने इस मामले में एसआईटी कमेटी बना कर जांच की मांग की है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन शुरू होने के पहले ईडी द्वारा कांग्रेस के कई नेताओं के यहां छापा मारने की कार्यवाही को लेकर कांग्रेस के नेता बहुत गुस्से में और आक्रोशित है। कल राजधानी रायपुर में ईडी कार्यालय तथा जिन नेताओं के यहां छापे डाले गए हैं उनके निवास के सामने कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा जमकर विरोध प्रदर्शन तथा केंद्रीय सुरक्षा बल द्वारा लाठीचार्ज किए जाने से राजधानी का माहौल गरमा गया है और छत्तीसगढ़ की राजनीति में जोरदार सियासत शुरू हो गई है ।भारतीय जनता पार्टी के नेता यह आरोप राज्य सरकार पर जरूर लगा रही है कि जनता की कमाई का पैसा अवैध रूप से भ्रष्टाचार के रूप में सरकार के लोग यदि इकट्ठा कर रखे हैं तो ईडी छापा मारेगी ही लेकिन अडानी समूह द्वारा देश में लाखों करोड़ों के घोटाले पर ईडी के छापे क्यों नहीं पड़ रहे है, इस पर उनका कोई जवाब नहीं । रायपुर के महापौर एजाज ढेबर ने रायपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर कहा है कि राजधानी रायपुर में कांग्रेसी नेताओं के यहां ईडी के छापे का मुख्य उद्देश्य कांग्रेस के अधिवेशन में बाधा डालना तथा कांग्रेस को बदनाम करना है । एजाज ढेबर ने यह भी कहा कि ईडी द्वारा गिरफ्तार सूर्यकांत तिवारी अडानी समूह का काम देखता था।
पिछले पांच महीनों से चल रही ईडी की कार्यवाही सोमवार को अब तक के सबसे हंगामेदार मोड़ पर पहुंच गई। ईडी की टीमों ने कांग्रेस के दर्जन भर नेताओं के यहां सोमवार सूर्योदय से पहले ही छापा मारा। कांग्रेस के महाधिवेशन से चार दिन पहले हुई इस कार्यवाही से रायपुर से दिल्ली तक बवाल मचा।
रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर ने ईडी की कार्यवाई के बाद रायपुर एसएसपी को एक ज्ञापन सौंपा। इसमें कहा गया, ईडी की ओर से पंजीबद्ध मामले में जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है अथवा जिन लोगों से गवाही ली गई है, उन्होंने इसके बारे में लोगों को बताया है। उनके मुताबिक -रायगढ़ स्थित जीपी-3 कोयला खदान में सूर्यकांत तिवारी और जोगिंदर सिंह की कंपनी जय अंबे ट्रांसपोर्ट कंपनी अडानी के लिए काम करती थी।
अडानी समूह के कर्मचारी कोयला परिवहन का 70 रुपया प्रति टन नकद लेते थे। यह काम सूर्यकांत तिवारी देखता था। वह अडानी समूह के लिए 2010 से काम कर रहा है। इस संबंध में जानकारी के बावजूद ईडी ने अडानी समूह के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की। वह इन तथ्यों को छिपा रही है। ढेबर का आरोप है कि ईडी अब मनगढ़ंत तथ्यों और झूठे साक्ष्य बनाकर कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही कर कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन में बाधा उत्पन्न कर रही है।
महापौर एजाज ढेबर ने अपने ज्ञापन में कहा है, सूर्यकांत तिवारी और उसके पार्टनर जोगिंदर सिंह ने अडानी समूह के लिए 70 रुपया प्रति टन लेने का बयान दिया है। वे केंद्रीय जेल में बंद हैं। उनका बयान आयकर विभाग और ईडी के पास है। ऐसे में इन लोगों से पूछताछ कर अडानी समूह के खिलाफ उचित कार्यवाही करें। उन्होंने एसआईटी बनाकर मामले की जांच कर दोषियों पर कार्यवाही करने की मांग की है।