रायपुर/ 6वें वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल ने नालंदा परिसर की लाईब्रेरी का देर रात पहुंचकर अवलोकन किया। प्रतिनिधिमंडल के साथ वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी भी उपस्थित थे। इस मौके पर श्री पनगढ़िया के साथ अन्य सदस्य डॉ. सौम्यकांति घोष, श्रीमती एन्नी जार्च मैथ्यू, वित्त आयोग के सचिव श्री रित्विक पांडे भी उपस्थित थे। उनका कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह तथा अन्य अधिकारियों ने गुलाब फूल और विवेकानंद साहित्य देकर स्वागत किया। प्रतिनिधिमंडल ने लाईब्रेरी की कार्य प्रणाली, विद्यार्थियों की बैठने की व्यवस्था, पुस्तकों को इशू करने की व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था सहित प्रवेश प्रक्रिया और शुल्क की जानकारी ली। श्री पनगढ़िया ने नालंदा परिसर की सराहना करते हुए कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि नालंदा परिसर की लाईब्ररी में विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए अनुकूल वातावरण और बहुत अच्छी सुविधा है। ऐसे वातावरण में विद्यार्थी तन्मयता से इतनी रात को भी निश्चिंत होकर अध्ययन कर रहे हैं। उनके लिए विविध प्रकार की व्यवस्था है जिससे उन्हें उनके लक्ष्य को प्राप्त करने में सहयोग मिलेगा। ऐसा मॉडल अन्य जगह पर लागू किए जाने का प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने अध्ययनरत् विद्यार्थियों से बातचीत की। विद्यार्थियों ने उनसे आयोग से संबंधित प्रश्न किए। श्री पनगढ़िया ने तथा अन्य सदस्यों ने वित्त आयोग की कार्य प्रणाली के बारे में जानकारी दी।
कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने आयोग के सदस्यों को बताया कि यहां पर 500 रूपए की शुल्क पर सदस्यता प्रदान की जाती है। यहां पर विद्यार्थियों की मांग के आधार पर पुस्तकों की समय-समय पर खरीदी की जाती है और जिस किताब की ज्याद मांग हो उसे ज्यादा संख्या में खरीदा जाता है, ताकि अधिकाधिक सदस्य अध्ययन कर सके। विद्यार्थियों के लिए 24 घंटे, सातों दिन अध्ययन की सुविधा है।
लाईब्रेरी के अलावा बाहर में भी बैठने की व्यवस्था की गई है। डॉ सिंह ने प्रतिनिधिमंडल को लाईब्ररी के भू-तल, प्रथमतल और रूफ टॉप का भी अवलोकन कराया और बताया कि यहां पर लंबी वेटिंग होने के कारण भविष्य में रूफ टॉप में बैठने की व्यवस्था कराई जाएगी।
बिना इशू कराए पुस्तक ले जाने में बजा सिग्नल, सदस्यों ने देखी यह व्यवस्था
लाईब्रेरी के संबंध में अधिकारियों ने बताया कि यहां पर आरएफआईडी की व्यवस्था लागू की गई है। जिसमें आईडी कार्ड में चिप लगा गया है। पुस्तक इशू करते समय चिप आईडी स्कैन किया जाता है। बिना इशू कराए किताब ले जाने पर सिग्नल बजता है जिससे प्रबंधन को जानकारी मिल जाती है। इसे प्रायोगिक तौर पर प्रतिनिधि मंडल को दिखाया गया। जैसी ही इंडियन पॉलिटी बिना इशू कराए बाहर ले गए, वैसे ही सिग्नल बजा। इस पर सदस्यों ने खुशी जताई।