नागपुर। आज हिंदी पत्रकारिता दिवस पर ख़बरगली एक ऐसे पत्रकार को नमन करता है जिन्होंने अपना और अपने परिवार का पूरा जीवन हिंदी पत्रकारिता में समर्पित कर दिया। यहाँ हम स्वर्गीय रामगोपाल माहेश्वरी जी का उल्लेख कर रहे है।रामगोपाल जी प्रमुख हिंदी दैनिक नवभारत के संस्थापक हैं।आज जिनके अथक प्रयास से नवभारत पत्र समूह किसी परिचय का मोहताज नही है।
1934 से शुरू हुआ था नवभारत का प्रकाशन
स्व. श्री रामगोपाल माहेश्वरी जिन्होंने 8 फरवरी 1934 को नागपुर में नवभारत का प्रकाशन शुरू किया था, जो मध्य और पश्चिमी भारत का प्रमुख हिंदी दैनिक माना जाता है। रामगोपाल जी का हिंदी प्रेम प्रबल था। उन्होंने हिंदी भाषा के संवर्धन के लिए अथक प्रयास किया और वह जीवन पर्यंत विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष पद पर आसीन रहे।
बता दें श्री रामगोपाल माहेश्वरी जी का जन्म 20 नवम्बर 1911 को जयपुर के पास मंडलोई में हुआ था। आप बेहद कम उम्र में महात्मा गांधी से प्रेरित हो कर स्वतंत्रता संग्राम गतिविधियों में सक्रिय हो गए थे। 1930 में भारत छोड़ो आंदोलन के तहत वे नागपुर जेल भी गए। स्व. माहेश्वरी एक जीवट पत्रकार थे। उन्होंने महज 22 साल की उम्र में महेश्वरी का संपादन और प्रकाशन शुरू कर दिया था फिर नव राजस्थान जिसे बृज बियानी जी ने अकोला से शुरू किया उसकी जिम्मेदारी संभाली।उसके पश्चात नागपुर से द्विसप्ताहिक अखबार नवभारत शुरू किया था। उसके बाद दैनिक नवभारत का सफर शुरू हुआ।
स्वतंत्रता संग्राम में और हिंदी पत्रकारिता के योगदान में महती भूमिका के लिए स्व.रामगोपाल माहेश्वरी पर सरकार ने डाक टिकट भी जारी किया। रामगोपाल जी की धर्मपत्नी कौशल्या देवी ने भी समाज की उन परंपराओं को दूर करने और उसे प्रगतिशील बनाने के लिए महती प्रयास किया जो समाज की उन्नति में बाधक थे। माहेश्वरी जी की सरलता और सह्रदयता काफी प्रसिद्ध थी। वे “बाबू जी “के नाम से जाने जाते थे। 13 सितंबर 1999 को उनका स्वर्गवास हो गया था।
नवभारत ने दिए कई श्रेष्ठ हिंदी पत्रकार
नवभारत पत्र समूह ने देश को कई ओजश्वी पत्रकार, लेखक दिए हैं। जिन्होंने हिंदी पत्रकारिता के लिए अपना अमूल्य योगदान दिया है और दे रहे है. वर्तमान में नवभारत के पाँच संस्करण प्रकाशित हो रहे हैं। नागपुर (सन् 1934 से शुरू), जबलपुर (1950), भोपाल (1956), रायपुर (1959) तथा इन्दौर (1960 से शुरू)। इसके अलावा बिलासपुर संस्करण भी है।