प्रदेश के बड़े शराब कारोबारी अमोलक सिंह भाटिया और उनके परिवार के द्वारा तालाब की जमीन को पाट कर मैदान बना देने के मामले में आज निगम और जिला प्रशासन की टीम कार्यवाही करने के लिए मौके परपहुंची। भारी पुलिस बल के साथ पहुंची टीम ने जेसीबी के माध्यम से जमीन को खुदवा वापस मूल स्वरूप में लाने का काम शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि इस मामले में 23 अक्टूबर को आदेश जारी कर शराब कारोबारी के परिवार को सात दिनों में उक्त भूमि को मूल स्वरूप ( तालाब) में लाने के निर्देश दिए गए थे। ऐसा नहीं करने पर प्रशासन द्वारा खुद उक्त भूमि को मूल स्वरूप में लाने की कार्यवाही करने और इसका खर्चा भाटिया परिवार से ही वसूलने की चेतावनी दी गई थी।
बिलासपुर। प्रदेश के बड़े शराब कारोबारी माने जाने वाले अमोलक सिंह भाटिया व उनके परिवार के द्वारा तालाब की जमीन को पटवा कर मैदान बना दिया गया था। जिस पर बिलासपुर जिला प्रशासन के द्वारा कार्यवाही की गाज गिराई गई है। पिछले दिनों एसडीएम पीयूष तिवारी के राजस्व न्यायालय ने शराब कारोबारी व अन्य पर इस मामले में 25 हजार रूपये जुर्माना करते हुए वापस तालाब खोद कर मूल स्वरूप में लाने के निर्देश दिए थे। पर ऐसा नहीं करने पर कलेक्टर अवनीश शरण के आदेश पर आज प्रशासन और निगम की टीम मौके पर भारी पुलिस फोर्स के साथ पहुंची और खुद ही तालाब की खुदाई शुरू करवा मूल स्वरूप में लाने में जुट गई है। मौके पर सुरक्षा के लिहाज से भारी पुलिस बल तैनात है। बता दे कि एसडीएम के आदेश के अनुसार खुदाई का खर्चा भी भाटिया परिवार से ही वसूला जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार बिलासपुर शहर के अरपा पार चांटीडीह पटवारी हल्का नंबर 33 तहसील व जिला बिलासपुर में स्थित भूमि को अमोलक सिंह भाटिया पिता हरवंश सिंह भाटिया, उनके भाई गुरमित सिंह पिता हरवंश सिंह भाटिया, गुरु शरण सिंह पिता सुरजीत सिंह के द्वारा मौजा चांटीडीह स्थित भूमि खसरा नंबर 7 तालाब के अंश भाग रकबा 0.50 ए पर मिट्टी डालकर पाट दिया गया था। इसकी जानकारी जिला प्रशासन को लगने पर एसडीएम पीयूष तिवारी के द्वारा इसे संज्ञान में लिया गया। छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 242 का उल्लंघन किए जाने पर सहिंता की धारा 253 के तहत दंडनीय अपराध होने के चलते एसडीएम ने इसके जांच के निर्देश देते हुए तहसीलदार से जांच प्रतिवेदन मांगा।
जांच के दौरान पता चला कि चांटीडीह स्थित पटवारी हल्का नंबर 33 तहसील व जिला बिलासपुर स्थित भूमि खसरा नंबर 06,07 रकबा क्रमशः 0.424, एवं 1.193 हेक्टेयर अधिकार अभिलेख में तुकाराम पिता लक्ष्मण साव, साकिन जूना बिलासपुर के नाम पर दर्ज है। संशोधन पंजी वर्ष 1962–63 के सरल क्रमांक 179 के अनुसार वाजिब उल अर्ज में उपरोक्त भूमि पैठू, ताल,पानी के नीचे दर्ज होना उल्लेखित है। वर्तमान राजस्व अभिलेख में खसरा 7/2,7/3,7/4 रकबा क्रमशः 0.283,0.263,0.263 हेक्टेयर भूमि अमोलक सिंह भाटिया पिता हरवंश सिंह भाटिया, गुरमीत सिंह पिता हरवंश सिंह, गुरु शरण सिंह पिता सुरजीत सिंह के नाम पर दर्ज है। जिसे उनके द्वारा मिट्टी डालकर लगभग 0.50 एकड़ रकबे को पाटा जा चुका है। जिसके लिए इनको कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया। नोटिस के जवाब में इन्होंने तालाब को पाटने से इनकार किया।
इनके द्वारा इनकार करने पर एसडीएम पीयूष तिवारी ने तहसीलदार बिलासपुर को प्रकरण में पर्याप्त साक्ष्य तथा दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही हेतु स्पष्ट प्रतिवेदन मांगा। अतिरिक्त तहसीलदार बिलासपुर ने मौके पर जाकर तीन गवाहों का शपथपूर्वक कथन लिया। जिसमें पता चला कि यहां तालाब स्थित था जिसे मिट्टी डालकर मैदान बनाया गया हैं एवं तार फेंसिंग कर लिया गया है। मौका जांच एवं राजस्व दस्तावेजों के अनुसार खसरा नंबर 7 के कुल 4 बटांकन हुआ है। खसरा नंबर 7/1, खसरा नंबर 6 के साथ शामिल में धर्मराज पिता रेवाराम वगैरह,खसरा नंबर 7/2 (0.283 हेक्टेयर) में अमोलक सिंह भाटिया, खसरा नंबर 7/3 (0.263), में गुरमित सिंह भाटिया,खसरा नंबर 7/4 (0.263 हेक्टेयर) में गुरु शरण सिंह भाटिया के नाम पर दर्ज है। खसरा नंबर सात में तालाब स्थित है। जिसके 0.50 डिसमिल भाग पर मिट्टी डालकर पाटा गया है। जिसे मौके पर साक्षियों के द्वारा प्रमाणित भी किया गया।
तालाब को पाटना प्रमाणित करने पर एसडीएम पीयूष तिवारी ने उक्त कृत्य को छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 242 का उल्लंघन पाने पर संहिता की धारा 253 के तहत दंडनीय होने से अमोलक सिंह भाटिया, गुरमीत सिंह, गुरु शरण सिंह के ऊपर सहिंता की धारा 253 के प्रावधान अनुसार 25 हजार रुपए जुर्माना लगाया है। सभी को आदेशित किया गया है कि खसरा नंबर 07 के तालाब के रखबा 0.50 एकड़ पर पार्टी के मिट्टी को सात दिनों के अंदर हटाकर वाजिब उल अर्ज में दर्ज प्रविष्टि के अनुसार पूर्व की स्थिति में मूल प्रयोजन में लाए।
23 अक्टूबर को जारी हुआ था आदेश:–
एसडीएम पीयूष तिवारी ने 23 अक्टूबर को आदेश जारी कर एक सप्ताह के भीतर वापस तालाब को खुद कर मूल स्वरूप में लाने के आदेश दिए थे। ऐसा नहीं करने पर प्रशासन के द्वारा खुदाई करवाए जाने और इसका खर्चा भाटिया परिवार से ही वसूले जाने की चेतावनी दी थी। अब 17 दिनों से अधिक समय बीत जाने के बाद भी एसडीएम के निर्देश पर भाटिया परिवार के द्वारा तालाब को मूल स्वरूप में लाने का कोई कदम नहीं उठाया गया। जिसके बाद प्रशासन ने कार्यवाही की।
सूचना लेने से किया था इंकार:–
23 अक्टूबर के आदेश के अनुसार अमोलक सिंह भाटिया, गुरमीत सिंह भाटिया, गुरुशरण सिंह भाटिया सभी निवासी दयालबंद बिलासपुर छत्तीसगढ़ को वाजिबुल अर्ज अनुसार मूल स्वरूप में परिवर्तित किए जाने का आदेश दिया गया था, पर 11 नवंबर तक इनके द्वारा आदेश का पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। जबकि अनावेदकगणों को लिखित में सूचना भेजी गई थी, ज्योत तहसील माल जमादार के तमिल रिपोर्ट के अनुसार सूचना लेने से इनकार कर दिए। परंतु उनके द्वारा 23 अक्टूबर के आदेश की सर्टिफाइड कॉपी 26 अक्टूबर को प्राप्त किया गया है और एडिशनल कलेक्टर की अदालत में एसडीएम अदालत के फैसले के खिलाफ पुनर्विलोकन अपील प्रस्तुत की गई है। भाटिया परिवार के द्वारा किसी भी अदालत का स्थगन प्रस्तुत नहीं किया गया है। जिसके चलते कल 11 नवंबर को उक्त भूमि को मूल स्वरूप में परिवर्तित किए जाने के लिए और इसका खर्च भाटिया परिवार से ही वसूल किए जाने का पत्र एसडीएम पीयूष तिवारी ने निगम आयुक्त अमित कुमार को भेजा था। साथ एसपी को भी बल उपलब्ध करवाने के लिए पत्र लिखा गया था।
कलेक्टर अवनीश शरण ने मामले में बिलासपुर पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह और निगम कमिश्नर अमित कुमार को जिला प्रशासन की टीम के साथ समन्वय बनाकर कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे। कलेक्टर के आदेश पर एसपी रजनेश सिंह ने आज मौके पर सुरक्षा के लिहाज से भारी पुलिस फोर्स भेजा ताकि कार्यवाही के दौरान किसी भी प्रकार के विरोध या फिर अप्रिय स्थिति निर्मित होने पर स्थिति नियंत्रित किया जा सके। वहीं निगम कमिश्नर अमित कुमार ने निगम की जेसीबी, डंपर, लोडर उपलब्ध करवाने सहित निगम के अतिक्रमण निवारण दस्ते की ड्यूटी तालाब की खुदाई में लगाई। निगम कमिश्नर के आदेश के बाद निगम अमला आज सुबह से खुदाई में जुटा है। बता दे यह भूमि बिलासपुर सीपत मुख्य मार्ग पर अशोक नगर चौक से थोड़े ही अंदर बिरकोना मार्ग पर सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल के सामने स्थित है। इस जमीन का वर्तमान में बाजार मूल्य करोड़ो में है।