रायपुर। छत्तीसगढ़ की पिछली कांग्रेस सरकार ने एडीजी रैंक के आईपीएस जीपी सिंह को फोर्सली रिटायर करने की सिफारिश भारत सरकार से की थी। सर्विस रिव्यू कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर केंद्र ने जीपी सिंह को रिटायर कर दिया था। तब जीपी ने इस तर्क के साथ कैट की शरण ली थी कि भाजपा नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज न करने पर राज्य सरकार ने बदले की भावना के तहत कार्रवाई की थी। कैट ने इस पर जीपी सिंह को चार हफ्ते के भीतर उन्हें ज्वाईन कराने का आदेश दिया था। चूकि जीपी को राज्य रिव्यू कमेटी की अनुशंसा पर भारत सरकार ने रिटायर किया था…आईपीएस अफसरों की सर्विस मैटर केंद्रीय गृह मंत्रालय में आता है, इसलिए रिटायरमेंट की कार्रवाई गृह मंत्रालय ने किया और अब फिर से पोस्टिंग भी वहीं से होगी।
कैट के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने आईपीएस जीपी सिंह की बहाली की अपनी तरफ से हरी झंडी दे दी है। राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता से इस बारे में उनकी राय मांगी थी। बताते हैं, महाधिवक्ता ने अपनी टीप में लिखा है कि इस केस में कैट के फैसले के खिलाफ अपील करने का कोई तुक नहीं है। महाधिवक्ता की टिप्पणी के साथ राज्य सरकार ने फाइल पिछले सप्ताह भारत सरकार को भेज दिया। चूकि, आईपीएस का मसला मिनिस्ट्री ऑफ होम में आता है और इसी ने फोर्सली रिटायमेंट की कार्रवाई की थी। सो, पोस्टिंग का आदेश भी यही विभाग निकालेगा।