रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और लोकसभा चुनाव प्रबंधन समिति के प्रदेश संयोजक शिवरतन शर्मा ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि देश में आपातकाल लगाने वाले और संविधान में करीब 80 बार संशोधन करने वाली कांग्रेस को अब संविधान को लेकर चिंता हो रही है. अब भाजपा पर संविधान बदल देने का आरोप लगा रही है. बाबा साहब को अपमानित करने वाली कांग्रेस के मुंह से संविधान की बाते शोभा नहीं देती.
शिवरतन शर्मा ने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर को चुनाव में पराजित करने स्वयं पं. जवाहर लाल नेहरू आमसभा चुनाव करने गए थे. कांग्रेसी लोकतंत्र की हत्या की बात करते हैं. देश में आपातकाल लगाने का काम कांग्रेस ने किया. इसके साथ-साथ छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के शासन काल में एक व्यक्ति थाने में खड़े होकर बोलता है कि धर्मांतरण करना हमारा मूलभूत अधिकार है और अगर जरूरत पड़ी तो इसके लिए संविधान को जलाने की तो हम संविधान को भी जला देंगे और उस पर कांग्रेस की सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. ये संविधान बदलने की बात करते हैं. सर्वाधिक संविधान बदलने का काम कांग्रेस के कार्यकाल में हुआ है. हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संविधान की शपथ लेकर दूसरी बार चुनकर आए तो सबसे पहले संविधान की पुस्तक के सामने अपना माथा टेका. भाजपा संविधान की रक्षा करने संकल्पित है. लोकतंत्र की रक्षा करने संकल्पित है.
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष शर्मा ने कहा कि जब संविधान बन रहा था तब उस समय यह तय किया गया था कि आरक्षण होगा तो दलित, आदिवासियों के नाम पर होगा, लेकिन वोट बैंक की भूखी कांग्रेस ने इन महापुरुषों की परवाह नहीं की. बाबा साहब अंबेडकर के शब्दों की परवाह नहीं की. कांग्रेस ने बहुत पहले आंध्र प्रदेश में धर्म के आधार पर आरक्षण देने का प्रयास किया. इन लोगों ने धर्म के आधार पर 15 प्रतिशत आरक्षण की बात कही और ये भी कहा कि एससी, एसटी और ओबीसी का जो कोटा है, उसी में से कम करके धर्म के आधार पर कुछ लोगों को आरक्षण दिया जाए. 2009 में कांग्रेस ने यही इरादा भी जताया. 2014 के घोषणापत्र में भी कहा कि इसे नहीं छोड़ेंगे. देश के संविधान में करीब 80 बार संशोधन करने वाली कांग्रेस अब देश के PM नरेन्द्र मोदी पर तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर देश का संविधान बदलने की बात कहते देश की जनता को गुमराह कर रही है.
शिवरतन शर्मा ने बताया कि कई साल पहले कांग्रेस ने कर्नाटक में धर्म के आधार पर आरक्षण लागू किया था. जब BJP की सरकार आई तो उसने संविधान और बाबा साहेब की भावना के विरुद्ध कांग्रेस ने जो निर्णय लिया था, उसे उखाड़ फेंका. दलितों, आदिवासियों का आरक्षण वापस किया. कर्नाटक की सरकार ने मुस्लिम समुदाय की जातियों को ओबीसी बना दिया. ऐसा कर कांग्रेस ने सामाजिक न्याय, भारत के सेक्यूलरजियम की हत्या की.