रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के नतीजे (CG ELECTION Result) सामने आ चुके हैं. प्रदेश में भाजपा की सरकार बन रही है. हालांकि, इस चुनाव में कांग्रेस को सिटिंग एमलए की टिकट काटना मंहगा पड़ गया. जिसका फायदा बीजेपी को मिला है. जिन 22 विधायकों की टिकट काटी गई थी, वे सभी विधायक 2018 के चुनाव में जीतकर आए थे. ऐसे में कांग्रेस को विधायकों का टिकट काटना और नए चेहरों पर दांव लगाना भारी पड़ गया है. जिन 22 सीटों पर कांग्रेस ने विधायकों की टिकट काटी थी, उसमें से 14 सीटों पर भाजपा ने कब्जा किया है. वहीं कांग्रेस केवल 7 सीट पर ही वापसी कर पाई है. वहीं 1 सीट पर गोडवाना गणतंत्र पार्टी ने कब्जा किया.
बता दें कि, 2018 चुनाव में कांग्रेस ने 15 साल बाद सत्ता में वापसी की थी. कांग्रेस ने 68 सीटों के साथ अपनी सरकार बनाई थी. वहीं भाजपा 15 सीट पर ही सिमट कर रह गई थी. 2018 में भाजपा के कई बड़े चेहरों को हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा वापसी करते हुए अपनी सरकार बना रही है.
इन सभी सीटों पर 2018 चुनाव में कांग्रेस ने दर्ज की थी जीत-
22 सिटिंग विधायकों का टिकट काटना पड़ा मंहगा
प्रतापपुर-हारे
बिलाईगढ़- जीते
मनेंद्रगढ़- हारे
रामानुजगंज-हारे
सामरी-हारे
लैलूंगा-जीते
पालीतानाखार- हारे
जगदलपुर-हारे
धरसीवां-हारे
रायपुर ग्रामीण-हारे
कसडोल-जीते
महासमुंद- हारे
सरायपाली-जीते
सिहावा-जीते
नवागढ़-हारे
पंडरिया-हारे
खुज्जी- जीते
डोंगरगढ़-जीते
अंतागढ़-हारे
चित्रकोट-हारे
दंतेवाड़ा-हारे
कांकेर-हारे
बीजेपी ने भी काटा 2 विधायकों का टिकट
2018 विधानसभा चुनाव में 15 सीट पाने वाली बीजेपी ने भी 2 सीटिंग एमएलए का टिकट काटा. जिन 2 विधायकों को टिकट नहीं दी गई वे बेलतरा और बिंद्रानवागढ़ विधानसभा सीट से आते हैं. बिंद्रानवागढ़ कांग्रेस और बेलतरा सीट भाजपा बचाने में कामयाब रही.
किस विधानसभा में कितने प्रतिशत वोट
कितने लोगों ने की वोटिंग
2023 विधानसभा चुनाव में 2 करोड़ 3 लाख 93 हजार 160 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया है. जो अब 90 विधानसभा सीटों के 1181 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे.
2018 में कांग्रेस को मिली थी इतनी सीट
2018 विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की जनता ने कांग्रेस को सत्ता के सिंहासन में बैठाने का फैसला लिया था. वो भी कांग्रेस ने प्रचंड बहुमत के साथ अपनी सरकार बनाने में कामयाब रही थी. कांग्रेस को 68 सीटें मिली थी. वहीं 15 साल सत्ता में रही बीजेपी को केवल 15 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था. इसके अलावा मायावती और जोगी के गठबंधन को 7 सीटें मिलीं थी.