कोरबा। पूर्व कैबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कोरबा के बालको कूलिंग टावर से प्रभावित शांतिनगर के 86 परिवारों को मुआवजा, पुनर्वास और रोजगार देने के मुद्दे पर केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख लाल मंडाविया को पत्र लिखा है। उन्होंने बालको प्रबंधन की उदासीनता पर चिंता जताते हुए प्रभावित परिवारों को राहत देने की मांग की है।





पूर्व मंत्री श्री अग्रवाल ने पत्र में बताया कि बालको के कूलिंग टावर के निर्माण और संचालन से शांतिनगर के लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा। इसके खिलाफ 2013 में प्रदर्शन के बाद जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और बालको के बीच त्रिपक्षीय वार्ता हुई।
त्रिपक्षीय वार्ता में बालको के परियोजना प्रमुख ने लिखित रूप से मुआवजा और पुनर्वास का आश्वासन दिया था। इसके तहत प्रभावित भूमि और मकानों के लिए शासन की दरों के अनुसार मुआवजा देने और चरणबद्ध भुगतान का वादा किया गया। मुआवजा मिलने और रजिस्ट्री के बाद संपत्ति पर कब्जा खत्म होना था। लेकिन 12 साल बाद भी बालको ने सभी परिवारों को मुआवजा नहीं दिया। शांतिनगर पुनर्वास समिति के अनुसार, 67 परिवारों को पूरा मुआवजा मिला, जबकि 19 परिवारों को आंशिक भुगतान या बिल्कुल भुगतान नहीं हुआ। प्रभावित परिवारों ने रोजगार की मांग भी की, लेकिन बालको ने केवल मौखिक आश्वासन दिए। डेढ़ साल पहले 39 योग्य युवाओं की सूची सौंपी गई, पर प्रबंधन ने कोई कदम नहीं उठाया।
केन्द्रीय मंत्री को लिखे पत्र
पूर्व कैबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने अपने पत्र में कहा कि अगर बालको में सीधे रोजगार संभव नहीं, तो संयंत्र में काम करने वाली सहयोगी कंपनियों में नौकरी दी जा सकती है। लेकिन बालको की वादाखिलाफी ने इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाल दिया। अग्रवाल ने मंत्री से अनुरोध किया कि भारत सरकार, जो बालको में 49% हिस्सेदार है, हस्तक्षेप कर प्रभावित युवाओं को रोजगार और परिवारों को मुआवजा दिलाए।