मुंगेली। विष्णुदेव सरकार अब लोकसभा चुनाव के बाद अधिकारियों में काम के प्रति कसावट लाने दिल्ली प्रवास पर रहने के बावजूद मुख्य सचिव को बैठक के निर्देश व काम में लापरवाही नहीं करने मीटिंग के लिए एजेंडा तैयार करने का निर्देश दे रही है वही सूबे का एक बहुचर्चित मुंगेली ज़िला जहां पर शासन के स्थानांतरण नियम,चुनाव आयोग की सिफ़ारिश से स्थानांतरित हुए अधिकारियों को अभी तक रिलीव ना करते हुए रोककर रखा गया है। मूँगेली के सहायक खाद्य अधिकारी देवेंद्र बग्गा जिनकी पिछली भूपेश सरकार के समय लंबी शिकायत पंचायत स्तर से लेकर शहरी क्षेत्र सहित विभाग में हितग्राहियों द्वारा की जाती रही है जिसके शिकायतों के मद्देनज़र चुनाव आयोग ने संज्ञान में लिया और उनके कर्म अनुसार उनका स्थानांतरण सुकमा ज़िला कर दिया गया था बावजूद उसके अभी तक मुंगेली ज़िले से बहाल नहीं किया गया है।
चर्चा यह भी है कि धान उठाव में लापरवाही में लिप्त ज़िला विपणन अधिकारी शीतल भोई जो मूँगेली के ही बाशिंदे है और डीएमओ व एएफ़ओ देवेंद्र बग्गा दोनों अभी सोसायटियों में हुए अफ़रातफ़री शॉर्टेज के लिए कार्यवाही एफ़आइआर होने के भय से प्रबंधकों को धमकाकर वसूली करने की भी शिकायतें है। अनेक सोसायटियों के प्रबंधक इनके दरबार में चढ़ावा चढ़ा अपने को एफ़आइआर से मुक्त रहने की क़वायद में लगे है मगर भयंकर भ्रष्टाचार से धान उठाव,शॉर्टेज के नाम करोड़ों रुपये राजस्व की क्षति शासन को हुई है उसके बावजूद देवेंद्र बग्गा और शीतल भोई जैसे लोग हुए भ्रष्टाचार को दबाने एफ़आइआर का भय दिखाकर एक नया कारनामा करने में जुटे हुए है।
बता दें मूँगेली ज़िले में अभी कुछ गिनती के ऐसे अधिकारी पदस्थ है जिनके पोस्टिंग के बाद शायद भ्रष्टाचार के लिए सरकार के इनका तीन साल बाद स्थानांतरण नियम से ही इनको किनारे कर रखा है मनियारी जल संसाधन,खनिज विभाग,महिला एवं बाल विकास विभाग,समाज कल्याण विभाग में तो हालात ये है कि इन विभाग के अधिकारियो की पदस्थापना की पाँच वर्ष से भी अधिक समय हो गया सैकडो शिकायतों के बावजूद निजी स्वार्थों के चलते स्थानांतरित अधिकारियों को अब तक ज़िले से रिलीव भी नहीं किया जा रहा है।
स्वीप कार्यक्रम में बड़ा कारनामा…तथ्यों के साथ होगा बड़ा खुलासा
मालूम हो लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाता जागरूकता कार्यक्रम अंतर्गत अनेकों कार्यक्रमों में सबकी सहभागिता के साथ मतदान के जागरूक करने के लिए करोड़ों रुपयों की राशि पानी की तरह बहाया गया अब ज़िले में हुए मतदान प्रतिशत से ही स्वीप कार्यक्रम की सच्चाई उजागर हो रही है बावजूद उसके भुगतान में भी करोड़ों रुपये के नए भ्रष्टाचार की सुगबुगाहट सुनने में आ रही है। बहरहाल पूरे मामले में सूचना के अधिकार में संपूर्ण जानकारी जुटा amrittimes.com शीघ्र ही एक बड़ा खुलासा करेगा।