छत्तीसगढ़:प्रदेश के मुख्यमंत्री खेल को बढ़ावा देने के लिए नई दिशा दे रहे हैं, ताकि राज्य के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत सकें। वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ खेल एवं युवा कल्याण विभाग का निराशाजनक रवैया खिलाड़ियों के लिए नुकसानदेय साबित हो रहा है। खिलाड़ियों के सपनों को तोड़ने वाला कार्य किया जा रहा है। खिलाड़ियों से जब बात की गई। तो उन्होंने साफ कहा कि यह खेल को बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि खेल विभाग खिलाड़ियों का मनोबल गिराने की दिशा में काम कर रहा है।
छत्तीसगढ़ के राज्य पत्र में प्रत्येक वर्ष उत्कृष्ट खिलाड़ियों की घोषणा करने का आदेश है परंतु इस बात पर पूर्ण रूप से अमल नहीं किया जा रहा है। प्रदेश में राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को इन सब से वंचित रखा जा रहा है।
सत्र 2019-20 व 20-21 के अभी तक उत्कृष्ट खिलाड़ियों की नाम की दावा आपत्ति के अलावा और कोई कार्य नही किया गया है। जून व जुलाई 2021 में खिलाड़ियों द्वारा खेल विभाग के सचिव और मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा गया था लेकिन उस बाबत भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है। जिस मेहनत के साथ खिलाड़ी पदक लेकर आते हैं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करते हैं उन खिलाड़ियों के साथ ऐसा बर्ताव कहां तक सही है उनको विभिन्न नौकरियों से वंचित रखा जा रहा है जबकि छत्तीसगढ़ में उत्कृष्ट राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को नौकरियों में आरक्षण है। उसके बाद भी खेल विभाग का उदासीन रवैया समझ से परे है । विभिन्न प्रतियोगिताओं में पदक लाने के बाद भी खिलाड़ी रोजगार से वंचित है उन्हें बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।