घूमते हुए शख्स को खेत में मिला ‘गड़ा खजाना’,बन गया करोड़पति,जाने क्या है पूरा मामला ?

Trending News: पहले के समय में ‘गड़े खजाने’ के बारे में अक्सर सुना करते थे,साथ ही ‘गड़े खजाने’ के बारे में फिल्मों में भी देखा है पुराने जमाने में लोगों के पास खूब धन होता था. सोने-चांदी के जेवर से शरीर लदा हुआ रहता था. कुछ मुल्‍कों में तो स्‍वर्ण मुद्राएं तक चलती थीं और इन्‍हें बचाने के ल‍िए लोग पोटली बनाकर घरों में गाड़ दिया करते थे. खेतों में गड्ढा खुदवाकर डाल देते थे, ताकि कोई चुरा न पाए. खेतों में घूम रहे एक शख्‍स को ऐसा ही ‘गड़ा धन’ मिला है. हालांकि पहले तो वो मिले सिक्कों को आम सिक्का समझ रहा था, पर बाद में पता चला कि इन सिक्कों ने उसे करोड़पति बना दिया क्या है पूरा मामला ?Trending News:  एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रॉस्पेक्टर नाम के इस शख्‍स ने टिकटॉक (@prospectortuck ) पर वीडियो शेयर कर बताया तो लोग हैरान रह गए. प्रॉस्पेक्टर को टक मेटल डिटेक्टर का शौक है. वह नियमित रूप से गड़ा हुआ खजाना ढूंढता रहता है. कई बार उसे अनोखी धातुएंं मिल जाती हैं. लेकिन इस बार तो वह मालामाल हो गया. एक खेत में ढूंढते समय उसे 2 मूल्‍यवान सिक्‍के मिले. पहले तो लगा क‍ि ये सामान्‍य सिक्‍के होंगे, जो अमेर‍िकी क्‍वाइन की तरह नजर आते हैं. लेकिन जब उन सिक्कों जी जांच की गई तो उन्हें खुद भी विश्वास नहीं हुआ कि इनका मूल्य इतना ज्यादा भी हो सकता है. वीडियो वायरलजो वीडियो वायरल हुआ है उसे खेत में एक गहरा छेद करते हुए दिखाया गया है. जैसे ही मेटल डिटेक्‍टर जमीन के अंदर पहुंचता है, वह बीप-बीप की आवाज करने लगता है. प्रॉस्पेक्टर को यकीन हो जाता है कि नीचे कुछ तो है. वह खुदाई जारी रखता है और इन सिक्‍कों को निकालकर ही दम लेता है. जैसे उसने इन सिक्‍कों को एक्‍सपर्ट को दिखाया, वे खुद भी हैरान रह गए. इनमें से एक 1918 का स्टैंडिंग लिबर्टी क्वार्टर निकला. सिक्‍कों पर विवरण तो कुछ खास नजर नहीं आ रहा था, लेकिन इस पर डेनवर का “डी” मिंटमार्क जरूर नजर आया.करोड़ो रुपये में बिका सिक्का

इन सिक्कों कि जब जांच कि गई तो पता लगा कि इनमे से एक सिक्का 1918 का स्टैंडिंग लिबर्टी क्वार्टर का सिक्का है. इस सिक्के की बिक्री 15.74 लाख रुपये में हुई और दूसरा सिक्का 1816 का एक मैट्रन हेड सेंट है. दूसरे सिक्के कि बिक्री 3.12 करोड़ में हुई. देखते ही देखते युवक कि किस्मत ऐसी बदली कि वो करोड़पति बन गया.

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