शीतकालीन सत्र…अबूझमाड़ मुठभेड़, आदिवासियों की मौत का मुद्दा गूंजेगा: पुलिस का दावा- 7 माओवादी मारे, कांग्रेस बोली- इनमें दो ही नक्सली, 5 बेकसूर आदिवासी

रायपुर/ छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन आज (गुरुवार) हंगामे के आसार हैं। प्रश्नकाल में डिप्टी सीएम विजय शर्मा और मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के विभागों से संबंधित सवाल किए जाएंगे। इस दौरान जेम पोर्टल (गवर्नमेंट-ई-मार्केटप्लेस) से खरीदी और नक्सल मुद्दों को लेकर बड़ी बहस छिड़ सकती है।

प्रदेश में हुए कई पुलिस-नक्सल मुठभेड़ को लेकर सवाल उठे हैं। जिनमें मारे गए नक्सलियों को गांव में रहने वाले आम आदिवासी होने का दावा किया जाता रहा है। हाल ही में बस्तर में नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ में हुए नक्सल मुठभेड़ में पुलिस ने 7 नक्सलियों को मार गिराने का दावा किया है। लेकिन कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मुठभेड़ में केवल 2 ही नक्सली मारे गए थे और 5 बेकसूर आदिवासी थे।

इस घटना में 4 नाबालिग बच्चों को भी गोली लगी है। सुरक्षाबलों की गोलियों से नाबालिगों के घायल होने का मामला सदन में उठेगा। घटना से पीड़ित 3 नाबालिग बच्चों का इलाज जगदलपुर में और एक गंभीर घायल बच्ची का इलाज रायपुर के डीकेएस अस्पताल में चल रहा है। बच्ची के गले में अब भी गोली फंसी हुई है। ऐसे में इस मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक और हंगामे के आसार हैं।

वनाधिकार पट्टा और नेशनल हाईवे में मुआवाजे को लेकर ध्यानाकर्षण

बीजेपी विधायक पुन्नूलाल मोहले मुंगेली के ग्राम बरदुली, दशरंगपुर नेशनल हाईवे में प्रभावितों को मुआवजा नहीं दिए जाने को लेकर लोक निर्माण मंत्री का ध्यानाकर्षण करेंगे। इसके अलावा कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल बस्तर संभाग में वनाधिकार पट्टा नहीं दिए जाने को लेकर आदिम जाति विकास मंत्री का ध्यान आकर्षित करेंगे।

इसके बाद विधायक रिकेश सेन, भोलाराम साहू, राघवेन्द्र सिंह, अनिला भेड़िया, दिलीप लहरिया, ललित चंद्राकर और चातुरी नंद अपने क्षेत्र की मांगों को लेकर याचिकाएं पेश करेंगे।

वित्तमंत्री करेंगे अनुपूरक अनुदान की मांग

वित्त मंत्री ओपी चौधरी इस साल के दूसरे अनुपूरक राशि की मांग करेंगे। 805 करोड़ 71 लाख 74 हजार 286 रुपए के अनुपूरक बजट को लेकर सदन में चर्चा होगी। इसके अलावा कई संशोधन विधेयक भी रखे जाएंगे।

क्या है जेम पोर्टल

जेम पोर्टल यानी सरकारी ई-मार्केटप्लेस, सरकारी विभागों के लिए ज़रूरी सामानों और सेवाओं को ऑनलाइन खरीदने का एक ई-मार्केट है। इसका मकसद सरकारी खरीदी में पारदर्शिता, दक्षता, और गति बढ़ाना है। जेम पोर्टल के ज़रिए, सरकारी विभागों को निर्धारित समयसीमा में सही मात्रा, सही गुणवत्ता, सही मात्रा और सही स्रोतों से उत्पाद/सेवाएं खरीदने में सुविधा मिलती है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने जुलाई 2024 में घोषणा की थी कि सरकारी खरीद अब पूरी तरह से जेम पोर्टल से की जाएगी। नई भाजपा सरकार ने केंद्र के जेम पोर्टल से वस्तुओं और सेवाओं की खरीद की प्रथा बहाल की है। कांग्रेस सरकार ने जेम पोर्टल से खरीदी पर रोक लगा दी थी।

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