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नग्न प्रदर्शन कर रहे युवकों को नहीं थी परमिशन, फैलाई अश्लीलता, 29 के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज

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गरमाई सियासत, विधायक ने की बांधी नि:र्शत रिहाई की मांग

रायपुर/बिलासपुर। विधानसभा मानसून सत्र के दौरान फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे 267 लोगों के नौकरी करने वालों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कुछ युवकों ने नग्न प्रदर्शन किया। आमा सिवनी मोड़ के पास विधानसभा रोड में नग्न प्रदर्शन करने आए प्रदर्शनकारियों को ड्यूटी पर पुलिस ने रोकने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की एक ना सुनी। जिसके बाद पुलिस ने अश्लील और अवैधानिक प्रदर्शन को रोकने के लिए हिरासत में लिया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झूमाझटकी भी हुई।

मालूम हो प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन से निर्वस्त्र होकर विधानसभा घेराव करने की अनुमति मांगी थी। जिसे निरस्त कर दिया गया था और उन्हें जानकारी भी उपलब्ध कराई गई थी कि जो मांग आप लोग कर रहे हैं उनमें से पूर्व में भर्ती हुए और लंबे समय से कार्यरत फ़र्ज़ी जाति प्रमाण पत्र वाले 267 लोगों पर कार्रवाई के संबंध में राज्य शासन द्वारा संबंधित विभागों को कार्रवाई के लिए वर्ष 2020 में पत्र जारी किया गया था। इसमें से 40 लोगों को बर्खास्त किया जा चुका है। कुछ के प्रकरण में कार्रवाई प्रक्रियाधीन है, जबकि ज़्यादातर प्रकरणों में न्यायालय से स्टे है। इसके बावजूद प्रदर्शनकारियों ने अवैधानिक और भारतीय सामाजिक मूल्यों के विपरीत निर्वस्त्र होकर अश्लील प्रदर्शन किया।

वहीं पुलिस ने मामले में निर्वस्त्र होकर प्रदर्शनकर रहे 29 आरापियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों का मोबाइल चेक करने पर पाया गया कि, उनके द्वारा निर्वस्त्र होकर बनाये गए अश्लील वीडियो को सोशल मीडिया के विभिन्न ग्रुपों में वायरल भी कर दिया गया था। जिस पर 29 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ थाना विधानसभा में अपराध क्र. 213/23 धारा 146, 147, 353, 332, 294 भा.द.वि. और 67(ए) आई.टी. एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जेल भेजा गया है।

वहीं पुलिस ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि, प्रदर्शनकारियों द्वारा बनाए गये अश्लील वीडियो को यदि कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया में या अन्य माध्यम से प्रचार-प्रसार कर अश्लीलता फैलाता है तो उसके खिलाफ भी आई.टी.एक्ट की धारा 67(ए) के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

हमेशा से कांग्रेस ने अनुसूचित वर्ग का किया राजनीतिक उपयोग- विधायक कृष्णमूर्ति बांधी

राजधानी में एक समुदाय के युवाओं द्वारा अपनी मांगों को लेकर नग्न प्रदर्शन करने के बाद बीजेपी ने इसे मुद्दा बना लिया है। हालांकि प्रदेश में इस अजीबोगरीब तरह के हुए प्रदर्शन को लेकर काफी चर्चाएं हो रही है वही कांग्रेस सरकार पर आरोप लगा विधानसभा के उप नेता और मस्तूरी विधायक डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी में अपना एक बयान जारी किया है।

विधायक बांधी ने कहा कि राजधानी में 200-250 अनूसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति युवाओं द्वारा आरक्षण में गलत नियुक्त का विरोध व इस मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन किया। इस मामले में प्रदर्शन करने वाले युवाओं को विधानसभा के पास पुलिस ने हिरासत में लिया फर्जी प्रमाणपत्र से नौकरी करने वालों पर कार्यवाही की मांग को लेकर एससी एसटी वर्ग के युवाओं ने यह प्रदर्शन किया। जिसकी चारों तरफ निंदा हो रही है।

विधायक डॉक्टर बांधी ने भी सड़कों पर इस तरह नग्न प्रदर्शन मामले में कहा कि भूपेश सरकार के कार्यकाल में एससी एसटी वर्ग लगातार उपेक्षित रहा है। कांग्रेस की दोहरी नीति और झूठे वादे ने युवाओं को मजबूर कर दिया कि वह सड़कों पर नग्न होकर के प्रदर्शन करें चुनाव के समय कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों के हितों को संरक्षित करने का वादा किया था साथ ही कहा था कि वह अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों के साथ न्याय करेगी और उनके अधिकारों की भी रक्षा करना उसकी प्राथमिकता में रहेगा परंतु फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी देने का विरोध करने पर भूपेश सरकार के द्वारा इन लोगों पर जो कार्यवाही है उससे sc st वर्ग का युवा हताश है। जल्द से जल्द गिरफ्तार युवाओं को बिना शर्त रिहा किया जाना चाहिए।

डॉ बांधी ने कहा कि सरकार को इसे संज्ञान में लेकर कार्यवाही करनी चाहिए ,कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार एससी एसटी वर्ग के लोगों के हितों की रक्षा करने में पूरी तरह असफल हो गई है इसका परिणाम आने वाले समय में कांग्रेस को भुगतना होगा।

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