भाजपा ग्रामीण मंडल में पदाधिकारी/कार्यसमिति सदस्य चयन सूची में मनमानी




रायपुर/मुंगेली। भाजपा मंडल की सूची के घोषणा के महज चौबीस घंटे के भीतर पार्टी के ग्रामीण स्तर के कर्मठ कार्यकर्ताओं में भयंकर आक्रोश की स्थिति बनी जिसके बाद मीडिया प्रभारी ने शिकायत के लिए महामंत्री पवन साय के पास सैकड़ों समर्थकों सहित मिलने की चर्चा जोरो से हो रही है। बताया जा रहा है पिछले चुनावों में जिन लोगों ने पार्टी प्रत्याशियों के विरुद्ध चुनाव मैदान में बतौर प्रतिद्वंदी चुनाव लड़ा या पार्टी के विरोध में काम किया उनको मंडल नियुक्ति में तरजीह दी गई है जिसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा के मीडिया प्रभारी अरविंद सिंह राजपूत सैकड़ों ग्रामीण कार्यकर्ताओं के साथ महामंत्री पवन साय से शिकायत कर कार्यवाही एवं अपने क्षेत्र के बन रहे भयंकर असंतोष को बताने की बात कही।
मालूम हो कि चौबीस घंटे पहले घोषित भारतीय जनता पार्टी मण्डल की सूची को लेकर भाजपा के अंदर असंतोष दिखाई दे रहा है। भाजपा नेता व भाजयुमो जिला मीडिया प्रभारी अरविन्द सिंह राजपूत ने अपने ग्रामीण मण्डल स्तर पर नाराजगी जताई है।
पदाधिकारी एवं कार्यसमिति सदस्यों की सूची को लेकर अरविन्द सिंह राजपूत ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी ग्रामीण मण्डल पदाधिकारी एवं मण्डल कार्यसमिति सदस्यों में पार्टी प्रमुख द्वारा मनमानी करना बताया।
भारतीय जनता पार्टी मंडल अध्यक्ष के बाद सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी मंडल पदाधिकारी कार्यकारिणी की गठन के जिम्मेदारी मण्डलवार होता है।
निर्वतमान मण्डल अध्यक्ष शंकर सिंह ठाकुर के कार्यकाल पूर्ण होने के बाद महामंत्री रहे, ओबीसी वर्ग से राजीव श्रीवास को अध्यक्ष बनाया गया।
जबकि दो महामंत्री में एक सवर्ण समाज को मिलना था लेकिन यहां सवर्ण समाज को उपेक्षा मिली।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में और भी ऐसे लोग की संलिप्तता पाई जाती है जो भाजपा अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव मैदान में रहे। उसे संगठन को कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने या कार्यकर्ताओं को बैठक लेकर अनुशासन में रहकर काम करने नसीहत देने की बजाय उन्हें दायित्व देकर मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं का मनोबल से खिलवाड़ किया गया।
ग्रामीण मण्डलवार सूची के मुताबिक कामदार की जगह नामदार लोग भी शामिल भारतीय जनता पार्टी पदाधिकारी मण्डल कार्यसमिति सदस्य में ऐसे भी नाम की घोषणा किया गया, जो पदाधिकारी के साथ साथ उन्हें दोबारा मण्डल कार्यसमिति में रखा गया। जो की पार्टी बैठक में आते नही ऐसे कार्यकर्ताओं को रखा गया। ऐसे में पार्टी के लिए खून पसीने बहाकर काम करने वाले समर्पित कार्यकर्ताओं के साथ मजाक बनाया गया।
ऐसी ही नाराजगी कई अन्य वरिष्ठ नेताओं के बीच भी देखने को मिल रही है।