मुंगेली। जुलाई 2021 से पहले लगभग 28 महीनों के तहसील के सभी कामों की विभागीय जांच हो तो कई चौकाने वाले खुलासे होने की संभावना है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार यह कार्यकाल अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण, विवादित और सीधे सरल कामो को रोक काम की पैंडेंसी की भरमार लगाने वाला रहा है। पूरे समय भले ही हस्ताक्षर न चलें मगर पूरे तहसील में स्टाफ अभाव और कुछ अधिकारियों की हठधर्मिता के चलते कोटवारों को अति महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी दी गई नतीजतन बहुत से गैरवाजिब काम को अंजाम दिया गया है बावजूद कुछ अधिकारियों द्वारा सत्तालोलुपता और दाएं बाएं से अपनी सीआर मजबूत कर पदोन्नति प्राप्त करने तत्कालीन प्रयास में सफल रहे मगर इनके कार्यकाल के लिए अगर प्रशासन में बैठे जिम्मेदार लोग आज भी आडिट करा दे तो डिमोशन के अलावा और बहुत से चौकाने वाले मामलों का खुलासा हो सकता है।
बता दें अपने जिले के सबसे बड़े अधिकारी से अड़ियल रवैये से पेश आने,कोई भी काम को ना कर विवाद अड़चन बढ़ाने की कुछ प्रवृत्ति के माहिर लोग वर्तमान में अपने पदोन्नति पा इस जिले से तो किनारा कर लिए है मगर हालात अब बद से भी बदतर हो चुके है। पटवारियों, राजस्व निरीक्षक व अन्य ईमानदार लोगो को 28 महीने के रायता समेटने नवपदस्थ अधिकारी ने अपनी पहली बैठक में ही हिदायत दी है जिसके बाद अब 28 महीने के लंबित सीधे सरल काम होने की उम्मीद जगी है मगर इन 28 महीनों में कूड़े के ढेर जैसा हाल बनाने वाले अधिकारी को आखिरकार विभागीय जांच,कोई कार्यवाही की बजाय पदोन्नति क्यों दी गई?
बहरहाल अब तहसील में न किसी के आत्मदाह की धमकी सुनने मिल रही है और न ही कोई बुजुर्ग अपनी पेशी तारीखों से भयभीत हो हार्ट फेल होकर जीवन लीला समाप्त कर रहा है, मगर फिर भी 28 महीनों के लंबित कामों के लिए पीड़ित, शोषित लोग अब अपने काम को अंजाम दिलाने नवपदस्थ ऊर्जावान, ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों के सहारे काम करवाते नजर आ रहे हैं।