बिलासपुर/
बिहार के बेगूसराय स्थित ITI के स्टूडेंट्स ने बिलासपुर के सिटी कोतवाली थाने का घेराव कर जमकर हंगामा किया। दरअसल, 120 छात्रों को कैंपस सिलेक्शन के बाद बिलासपुर लाकर होटल में ठहराया गया था, जहां उनसे कथित कंपनी का एचआर पैसे वसूल कर भाग गया।
इससे परेशान ठगी का शिकार छात्रों ने उसके खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की। लेकिन, पुलिस ने उनकी शिकायत पर कार्रवाई से इनकार कर दिया और उन्हें बिहार जाकर शिकायत करने को कहा।
कैंपस सिलेक्शन में 200 से ज्यादा छात्र शामिल
बिहार के बेगूसराय के रहने वाले आदित्य कुमार ने बताया कि वह ताजपुर के गौतम बुद्ध आइटीआई में पढ़ता है। संस्थान में दिल्ली की एक कंपनी की ओर से कैंपस सिलेक्शन का आयोजन किया गया था। इसमें 200 से ज्यादा बेरोजगार छात्र शामिल हुए। इनमें से 120 छात्रों का चयन पुणे स्थित एक फर्म में होने की जानकारी दी गई।
25 हजार सैलरी देने का किया था दावा
छात्रों ने बताया कि कंपनी भैरव इंजीनियरिंग के कथित एचआर राकेश कुमार ने उन्हें हर महीने 25 हजार रुपए सैलरी देने को कहा था। कैंपस सिलेक्शन के बाद 120 छात्रों को नौकरी देने की बात कहकर ट्रेन से बिलासपुर लाया गया। इस दौरान उनसे टिकट और खाने के नाम पर पहले से पांच से छह हजार रुपए वसूले गए
होटल में ठहराया, पैसे वसूल कर हो गया फरार
छात्रों ने बताया कि बिलासपुर लाने के बाद उन्हें होटल में ठहराया गया। जहां, युवकों से दस्तावेज तैयार करने के नाम पर छह हजार 500 रुपए लिए गए। उन्हें यह भी कहा गया कि होटल का खर्चा एचआर देगा। लेकिन, एचआर पैसे वसूल करने के बाद भाग गया। सोमवार को छात्रों को धोखाधड़ी की आशंका हुई, जिसके बाद वे सिटी कोतवाली पहुंचे। पुलिस ने छात्रों की शिकायत ले ली है।
उत्तर प्रदेश और बिहार के हैं स्टूडेंट्स
आदित्य कुमार ने बताया कि बेरोजगार छात्र नौकरी की आस में बिहार के अलग-अलग जिलों से पहुंचे थे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के भी बेरोजगार उनके साथ हैं। कथित एचआर रुपए लेकर भाग गया है, जिसके बाद से उसका मोबाइल भी बंद बता रहा है।
पुलिस बोली- बिहार जाकर करें शिकायत
इस दौरान छात्रों ने पुलिस से FIR दर्ज करने की मांग की। लेकिन, पुलिस ने उनकी शिकायत पर कार्रवाई करने से इनकार कर दिया। सिटी कोतवाली प्रभारी विजय चौधरी ने उन्हें कहा कि पैसे वसूली और ठगी का मामला बिहार का है। इसलिए यहां पुलिस केस दर्ज नहीं कर सकती। छात्रों को शिकायत बिहार भेजने की समझाइश देकर उन्हें लौटा दिया गया।